- अपनी डफली अपनी राग अलापने के बजाय सरकारी, प्रशासनिक, सामूहिक स्तर पर जिला स्तरीय होली मिलन समारोह का हो आयोजन, ताकि सच्चे अर्थों में सामाजिक समरसता कायम हो सके – किरण देव यादव
खगड़िया सदर :
होलिका जले मोदी राज में
फगुआ में ना पुआ पके।
आग लगे नीतीश राज में
होली में भी ना खीर बने।
घर में नैय छैय राशन
कबतक देवहो खाली भाषण
फेंकै छहो खाली जुमलासन
केना चलतो तोर सुशासन
हो नीतीश जी, हो मोदी जी
केना पकतैय पूआ पूरी
होली मनैनाय छै जरूरी
केना बनतैय तरकारी
केय सुनतौ जुमला सरकारी
तोड़ झूठ से परेशान छैय जनता सारी
हो मोदी जी,,,
मैदा आटा चीनी तेल कैल हो महंगा
पिचकारी रंग अबीर गुलाल सेहो महंगा
धोती साड़ी लहंगा
पानी कादो सबहे महंगा
देश में फैलबै छहो उन्माद नफरत दंगा,
रहैय छहो एक्के संगा
खून कय होली खेलैय छहो अपनेय करायके दंगा
केना रहतै लोग चंगा
हो मोदी जी,,,
तों खा घी मल्लिदा,
हमरा मिलेय मोटका रोटी के पुलिंदा
हम्मे खाय सुखल रोटी आचार
केना चलतो तोर सरकार
हो मोदी जी,,,
केलहो सब्जी तेल मसाला मिरचाय महंगा
केना हैय तैय मन चंगा
हो मोदी जी,,,
भ्रष्टाचार में लिप्त छौ प्रशासन
झूठे करैय छहो योगासन
अब नैय सुनबो मन की बात भाषण
हो मोदी जी , हो नीतीश जी
कबतक चलतो तोड़ कुशासन
हो मोदी जी, हो नीतीश जी।
आग लगल छैय लहसुन प्याज में
आग लगेय, बज्जर खसेय मोदी राज में, नीतीश राज में।
अबकी बार
बदलो बिहार , बदलो सरकार
नारा बुलंद करबैय
चलेय नै देवैय अबकी बार
ईवीएम धांधली बिहार में
मोदी नीतीश सरकार में।
आग लगेय बज्जर खसेय यैसन जनविरोधी सरकार में,,,।
उक्त अंगिका गाने चहुंओर होली मिलन समारोह में गूंजायमान होते रहा। जी हां मौका था देश बचाओ अभियान, फरकिया मिशन, श्री युवक प्रखंड पुस्तकालय अलौली में समाजसेवी किरण देव यादव के नेतृत्व में, युवा एकता जन कल्याण समिति कोठिया में शिक्षक नेता श्रवण कुमार के नेतृत्व में, महिला विकास सेवा संस्थान अशोक बैंक्विट हाल में मधुबाला के नेतृत्व में, आजपा उमेश ठाकुर के नेतृत्व में, राजद महागठबंधन मनोहर यादव के नेतृत्व में , तथा राजद नेता नीरज यादव, एवं वैश्य नेता शंभू पोद्दार के नेतृत्व में , नेशनल इंटर स्कूल में सुरेश पोद्दार के नेतृत्व में और पहली बार प्राइवेट नर्सिंग होम एसोसिएशन द्वारा बिट्टू यादव व डॉ आकाशदीप के नेतृत्व में तथा साहित्य सृजन मंच द्वारा शिवकुमार सुमन, सरिता खंडेलिया , अरविंद सिंह के नेतृत्व में कवि गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित होली मिलन समारोह में होली के बहाने बुरा ना मानो होली है,,, नारों के साथ देश में व्याप्त बेरोजगारी भ्रष्टाचार बलात्कार महंगाई निजीकरण गरीबी पलायन नफरत उन्माद ईवीएम घोटाला, जुमला के खिलाफ शेयर बाजार, रुपए का वैल्यू , जीडीपी के गिरते स्तर आदि ज्वलंत मुद्दे पर व्यंग्यात्मक तंज कसते हुए होली रंग से दमदार चोट करते हुए अबकी बार, बदलो सरकार, बदलो बिहार , नारों को बुलंद किया गया। इस क्रम में बौद्ध मुक्ति आंदोलन, होलिका दहन विरोधी आंदोलन, अलौली तक ट्रेन चालू करने जैसी बुनियादी आंदोलन भी सुर्खियों में रहा।
यूपी बनारस के ब्राह्मणवादी ने 15 मार्च को मान्यवर काशीराम के जयंती को दिग्भ्रमित करने हेतु 15 मार्च को भी होली घोषित कर दिया गया, जबकि 14 मार्च को होली मुख्य रूप से मनाया गया। हर पर्व को दो दिन पोंगापंथियों द्वारा घोषित कर व्यावसायिक बनाया जा रहा है।
झलकियां
जहां एक ओर गरीबों के तन पर कपड़ा नहीं है वहीं कुर्ता फाड़ होली का आयोजन किया गया।
जहां एक ओर गरीब बच्चे विभिन्न प्रकार के खिलौने रूपी पिचकारी मास्क रंग अबीर पुआ पुरी को देख ललचाई नजर से देखते नजर आए, वहीं दूसरी ओर ,,, कहने की जरूरत नहीं महसूस करने की जरूरत है।
इसी क्रम में समाजसेवी राजद नेता नीरज यादव एवं अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा गरीब बच्चों के बीच रंगोत्सव सामग्री वितरण करना सराहनीय रहा।
एक महामुर्ख सम्मेलन ऐसा जहां आयोजन में आयोजक 90% कार्यक्रम बीतने के बावजूद भी अनुपस्थित रहा। उपाधियां वाली टोपी एवं आयोजक गधे के सींघ के तरह कार्यक्रम से गायब दिखे। मानो कार्यक्रम के बाद तक कोष संग्रह अभियान में लगे हो।
एक उद्घोषक ऐसा जो हर वर्ष की भांति हर हमेशा दो-दो माइक दोनों हाथों में थामे एक मुंह से चिल्लाते नजर आए। उद्घोषक की गरिमा तार तार करते हुए अपने मुंह मियां मिट्ठू होते नजर आया। वहीं नृत्यांगना से माइक छीन लेना, अतिथियों को कुर्सी से ध्वनी विस्तारक यंत्र द्वारा उठा देना, उद्घोषक द्वारा अपमान के बावजूद उद्घोषक खुद सम्मानित गुडफिल महसूस कर रहे थे।
आमंत्रण कार्ड एवं बैनर तथा उद्घोषणा में डीएम एसपी एसडीओ अन्य पदाधिकारी की आगमन की घोषणा कर उद्घोषक ने सचमुच मूर्खता का परिचय दिया।
जब मूर्खाधीराज मूर्ख सम्राट, मूर्खाधिपति का टोपी ही नहीं बना सके तो आयोजक द्वारा मूर्ख उपाधियों का रेवड़ियां कैसे बांटी गई ? जिनकी कार्यक्रम में भागीदारी ही नहीं हुई उन्हें उपाधि से सुशोभित कैसे किया गया ?
कार्यक्रम में भागीदारी कमी के कारण बुला बुलाकर पहले मंच के कुर्सी पर आसीन किया गया, फिर मंच पर, और फिर मंच के नीचे उतार दिया गया। भई वाह, अतिथियों का सम्मानित होना तो कोई उक्त कार्यक्रम से सीखे। शायद इसीलिए कई सम्मानित शख्सियत ऐसे कार्यक्रम से दूरी बना लिये। कहने को तो मंच पर महिला सशक्तिकरण दिखी किंतु महिलाएं अपमानित होते भी नजर आई।
कुल मिलाकर महामूर्ख सम्मेलन होली मिलन समारोह का स्तर रुपए, शेयर बाजार, जीडीपी की तरह गिरता नजर आया। गिरो भी तो उस झरने की तरह जो सुंदरता बनाए रखती है नाले की पानी के तरह मत गिरो।
उद्घोषक द्वारा डीएम द्वारा उद्घाटन करने की उद्घोषणा निरर्थक साबित हुआ, मजबूरन जिले के बाहरी दूसरे से कराना पड़ा।
कई मुंह से सुना गया कि महामूर्ख सम्मेलन स्तरहीनता का हुआ शिकार। एक समय था एक से एक कलाकार पदाधिकारी समाजसेवी बुद्धिजीवी कवि लेखक पत्रकार लेते थे भाग। समीक्षा करने की जरूरत, आखिर क्या है स्तरहीनता का कारण। कहने वाले तो बहुत कुछ बोलते हैं जिसे महसूस करने की जरूरत है लिखने की जरूरत नहीं है।
कार्यक्रम के समाचार, प्रेस विज्ञप्ति और उद्घोषणा में कभी, कहीं 48 वां तो कहीं 49वां सम्मेलन नजर आया। उद्घोषक एवं प्रेस जारी कर्ता को खुद पता नहीं है।
हां दर्शक दीर्घा में बैठे सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता अधिवक्ताओं कलाकारों बुद्धिजीवियों उमेश ठाकुर, किरण देव यादव, गुड्डू ठाकुर, सुभाष चन्द्र जोशी, चंद्रशेखरम, बालकृष्ण, अधिवक्ता अरुण मालाकार, कालेश्वर ठाकुर आदि ने कार्यक्रम का शोभा भरसक बढ़ाने का प्रयास किया। एवं कार्यक्रम में चार चांद लगाया। दर्शकों में काफी अनुशासन शिष्टाचार नजर आया किंतु मंच पर जरा भी नहीं। मंच की मर्यादा उद्घोषक ने गरिमा बनाए रखने में नाकामयाब रहे।
छोटे-छोटे कलाकारों ने बेहतर प्रस्तुति से तालियां बटोरी किंतु बड़े कलाकारों का मंच पर अभाव दिखा। ना ही स्मारिका निकाली गई और ना ही शोभा यात्रा। ना ही उपाधियां वाली टोपी बनाई गई। 49 वर्षों का सफरनामा रिपोर्टिंग नहीं कर पाए। विलुप्त हो रहे लोक संस्कृति को बचाने का एक भी पहल नहीं दिखी। पश्चिमी सभ्यता के रंग में सराबोर रहा।
हर वर्ष हर पर्व के मद्देनजर प्रशासन द्वारा डीजे पर लगेगी रोक, जबकि धड़ल्ले से डीजे बजाई गई। शांति व्यवस्था हेतु फ्लैग मार्च में सिर्फ खाली गाड़ी घुमाई गई, पदाधिकारी रहे गायब। जाम से मिलेगी निजात किंतु जाम की समस्या जस की तस रही।
होली मिलन समारोह एवं महामुर्ख सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य मंच पर व प्रस्तुति में कहीं नहीं दिखा। आपसी प्रेम भाईचारा शांति सद्भाव सामाजिक सौहार्द सामाजिक समरसता का तस्वीर धुंधली गौण नजर आई। सामाजिक बुराई कुरीतियों नफरत उन्माद को समूल समाप्त करने का संकल्प साकार करने हेतु आयोजक उद्घोषक के सपने में भी नहीं आया। कार्यक्रम में वह सब कमी साफ नजर आया, जो समाज को बेहतर संदेश दिया जा सके। आगामी कार्यक्रम व्यक्तिवाद से ऊपर उठकर व्यापक जनवाद के तहत कार्यक्रम को सुदृढ़ सुंदर सफल किया जाय, ताकि आगामी पीढ़ी अनुकरण कर सके। परंपरागत कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकें।
लेखक कवि समालोचक व्यंग्यकार किरण देव यादव ने किसी को दिल पर ठेस पहुंचाने की मानसिकता से नहीं बल्कि कमी को उजागर कर आगामी बेहतर कार्यक्रम करने की नसीहत दिया है जिसे अपना कर कमियों को पाट कर आपसी व्यापक सहभागिता के साथ मानसिकता संकीर्णता दुर्भावना ईर्ष्या राजनीति भेदभाव से ऊपर उठकर 50 वां महामुर्ख सम्मेलन बेहतर अनूठा अनोखा आकर्षक अद्वितीय ऐतिहासिक किया जा सके।
होली मिलन समारोह जिला राज्य देश विश्व भर में चर्चा का विषय रहा। जहां एक ओर बनारस में नागा बाबा ने होली पर नंगा नाच करते दिखा, वहीं जदयू भाजपा विधायक सांसदों ने डांसर के गले पर रुपए चिपकाते, शराब पीकर मस्त, ठुमके लगाते दिखे। विधायक संजीव कुमार ने जहां ढोलक की थाप, सांसद राजेश वर्मा ने रंगों से सराबोर होकर झाल की झंकार पर, वहीं पूर्व विधायक पूनम देवी यादव ने जोगीरा की मीठी तान सुन सुनाकर आमजनों का स्नेह प्यार आशीर्वाद बटोरे।
इधर, विधायक छत्रपति यादव रामवृक्ष सदा खीर पूआ की मिठास एवं होली की हसीन हड़दंग से गौण दीखे, सार्वजनिक के बजाए सिर्फ अपनों के संग रहे। पूर्व विधायक रणवीर यादव जिप सभापति कृष्णा देवी यादव के आवास पर होली की रंग फीकी नजर आई।
एक कार्यक्रम में सक्षम लोग भी खीर पूरी पुआ नहीं मिल पाने पर कैटरर के साथ मारपीट किया, अब सहज कल्पना की जा सकती है कि गरीबों की क्या हालात रही होगी इस होली में, इसी बात से उपरोक्त अंगिका कविता चरितार्थ हो रही हैं।
हां, जदयू नेता अशोक सिंह के आवास पर तथा जदयू अध्यक्ष बबलू मंडल के नेतृत्व में, भाजपा के संजय खंडेलिया के नेतृत्व में सीमित सत्तापक्षीय होली नजर आई। सबों ने अपनी डफली अपनी राग अलापते होली में नजर आए। जब अलग-अलग ही होली होगा तो फिर भेदभाव अमीरी गरीबी उच्च नीच जैसे विषमता कैसे मिटेगी ? कम से कम सिर्फ एक दिन भी तो दुनियां रंग बिरंगा , सब एक्के रंगा, होनी चाहिए।
सिर्फ कमेंट्स लिखना हमारा मकसद नहीं है हमारा उद्देश्य है कि आगामी होली मिलन समारोह ऐसा ऐतिहासिक हो जिसमें सचमुच अमीर गरीब, उंच नीच, पार्टी पॉलिटिक्स, प्रशासन जनता, पुलिस पब्लिक, आम आवाम, महिला पुरुष, हिंदू मुस्लिम, सिख इसाई, जाति धर्म, छोटा बड़ा से ऊपर उठकर एक साथ होली मिलन समारोह का एक स्थल कोशी कॉलेज मैदान या जेएनकेटी स्टेडियम में ही आयोजन हो। उसमें रंगारंग कार्यक्रम, ढोल झाल मृदंग जोगीरा की तान, गीत संगीत नृत्य की त्रिवेणी में सुर लय ताल पर सामूहिक तौर पर थिरके।
रंग अबीर गुलाल एवं सबों के लिए खीर पूरी पूआ की व्यवस्था हो। सभी नई उमंग, नई उल्लास, नई खुशियों के साथ होली का आनंद ले सके, तभी सामाजिक समरसता आपसी प्रेम भाईचारा शांति सद्भाव सामाजिक सौहार्द कायम होगा। प्राइवेट नर्सिंग होम एसोसिएशन के बैनर तले रेड क्रॉस सभागार में आयोजित होली मिलन समारोह में डॉक्टर अवधेश कुमार यादव एवं सिविल सर्जन रमेंद्र कुमार की उपस्थिति ने मानो पूर्व के दशक की होली की याद ताजा कर गई। पहली बार आयोजित उक्त कार्यक्रम को सबों ने मुक्त कंठ से सराहना किया। गायक सनोज सिंह के गीत संगीत एवं जोगीरा के तान पर तथा सतीश के ढोल के थाप पर तितली भारती मधुवाला चंपा राय ममता डॉक्टर पुनीता मक्खन साह गुड्डू ठाकुर उमेश ठाकुर संजीव कुमार एवं नागेंद्र सिंह त्यागी ने झूम नाचे गाए। कार्यक्रम का सफल उद्घोषक किरण देव यादव ने शायराना अंदाज में सभी अतिथियों एवं आमजनों दर्शकों को मान-सम्मान देते हुए बुके माला अंगवस्त्र से सम्मानित किया तथा चार चांद लगाया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष बिट्टू यादव एवं सचिव आकाशदीप अपने स्वागत संबोधन किया।
धन्यवाद ज्ञापन परमानंद सिंह ने किया।