हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में अहोई अष्टमी मनाई जाती है। इस बार यह व्रत 24 अक्टूबर को पड़ रही है। अहोई अष्टमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। परंपरागत रूप से माताएं अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए दिनभर उपवास रखती हैं। आचार्य अशोक पांडे ने बताया कि धार्मिक ग्रंथो के अनुसार इस व्रत को करने से संतान के समस्त कष्ट दूर होकर दीर्घायु होते हैं। संतान के सफलता के रास्ते खुलते हैं। वहीं संतान प्राप्ति की कामना हेतु इस दिन विधिवत मां पार्वती एवं भगवान शिव की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 24, 2024 को 01:18 ए एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 25, 2024 को 01:58 ए एम बजे
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त – 05:45 पी एम से 07:02 पी एम
अवधि – 01 घण्टा 17 मिनट्स
तारों को देखने के लिये शाम का समय – 06:10 पी एम
Krishna Dashami अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय – 11:55 पी एम
अहोई अष्टमी पूजा विधि-
दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाएं।
रोली, चावल और दूध से पूजन करें।
इसके बाद कलश में जल भरकर माताएं अहोई अष्टमी कथा का श्रवण करती हैं।
अहोई माता को पूरी और किसी मिठाई का भी भोग लगाया जाता है।
इसके बाद रात में तारे को अघ्र्य देकर संतान की लंबी उम्र और सुखदायी जीवन की कामना करने के बाद अन्न ग्रहण करती हैं।
इस व्रत में सास या घर की बुजुर्ग महिला को भी उपहार के तौर पर कपड़े आदि दिए जाते हैं।