औरंगाबाद. बिहार के औरंगाबाद जिला के देव स्थित भगवान सूर्य का पश्चिमाभिमुख सूर्य मंदिर में चार दिवसीय छठ महापर्व को लेकर हर साल लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है. इस मंदिर में भगवान सूर्य त्रिदेव के रूप में स्थापित है. ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पर छठ करने से मनोकामना पूरी होती है. कार्तिक माह में चार दिवसीय छठ महापर्व के अवसर पर हर साल 15 लाख से अधिक श्रद्धालु अर्घ्य देने पहुंचते हैं.
देवों की माता ने किया छठ महापर्व
देव सूर्य मंदिर और चार दिवसीय महापर्व छठ को लेकर कई मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान त्रिदेव की स्थापना खुद देवों की माता अदिति ने की थी. इस मंदिर के मुख्य पुजारी राजेश मिश्रा ने लोकल 18 को बताया कि सुरासुर संग्राम के दौरान देवताओं की माता अदिति ने यहां कुंड में स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया था. जिसके बाद इसी कुंड से भगवान सूर्य अपने तीन रूप भगवान विष्णु, भगवान शिव, भगवान ब्रह्म के रूप में प्रकट हुए थे. जिसे माता अदिति ने इस मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया था.
संतान सुख की होती है प्राप्ति
ऐसी मान्यता है कि जो भी महिला एवं पुरुष भक्ति भाव से यहां कुंड में स्नान कर मनोकामना मांगता है, उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. वहीं ये सूर्य कुंड संतान प्राप्ति की मनोकामना को पूर्ण करता है. पंडित राजेश मिश्रा ने बताया कि भगवान सूर्य के द्वादश नाम में भगवान सूर्य के त्रिदेव रूप की व्याख्या है. वहीं मुख्य पुजारी ने बताया कि इस साल लवण नहीं लगने की वजह से यहां छठ व्रतियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले बढ़ने वाली है.
राजकीय मेले का मिल चुका है दर्ज़ा
भगवान सूर्य और छठी मैया की इसी महात्म को लेकर देश-विदेश से लोग यहां कार्तिक माह में चार दिवसीय महापर्व छठ करने आते हैं. इस दौरान भव्य मेला का आयोजन किया जाता है. बता दें कि भीड़ को देखते हुए सरकार ने देव छठ मेला को साल 2023 में राजकीय मेला का दर्जा दिया है. इस दौरान जिला प्रशासन की पूरी टीम 2 महीने पहले से विधि व्यवस्था की तैयारी में जुट गई है. औरंगाबाद जिलापदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने लोकल 18 को बताया कि मेले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था से लेकर आगंतुक सभी श्रद्धालुओं के लिए रहने और उनके चाय की व्यवस्था भी की जा रही है. वहीं इस साल भी 15 लाख के क़रीब भीड़ पहुंचने की अनुमान लगाया जा रहा है.
Tags: Bihar News, Chhath Puja, Dharma Aastha, Local18
FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 13:41 IST