गोपालगंज. रविवार को देश भर में भैयादूज, अन्नकूट पूजा, चित्रगुप्त पूजा, गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाई गई. बिहार के गोपालगंज जिले में गोवर्धन पूजा बिल्कुल अलग परंपरा के साथ मनाई गई. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है.
कूटे गए गोवर्धन बाबा
अगली सुबह महिलाओं तथा कुंवारी लड़कियों ने गोबर के बने गोधन बाबा की पहले विधिवत पूजा अर्चना की और उसके बाद ओखल के मुसर से गोधन बाबा को कूट दिया. इसी के साथ शादी विवाह जैसे अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई. गोधन बाबा के कूटने के दौरान बहनों ने अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की. इसके बाद चना और चावल की बजरी भी खिलाकर भाई को बलवान,युवा और समृद्धि संपन्न होने का आशीर्वाद दिया.
पहले भाई को दिया श्राप, बाद में दीर्घायु होने की कामना
परंपरा के अनुसार महिलाओं और लड़कियों ने पहले अपने भाइयों को श्राप दिया, जिसमें भाई के मरने तथा भाभी के विधवा होने की बात कही. श्राप देने के बाद जिस जीभ से बहनों ने भाई को श्राप दिया था उस पर रेंगनी (कांटेदार पौधा) का कांटा चुभोने लगी. कांटा चुभो कर अपने जीभ को सजा दिया. इसके बाद अपने भाई की दीर्घायु होने की कामना करने लगी.
पारंपरिक गीतों की रही गूंज
गोवर्धन पूजा और गोधन कुटाई के दौरान पारंपरिक गीतों की गूंज सुनाई दी. महिलाओं ने पूजा के दौरान पूजा से जुड़े कई तरह के पारंपरिक गीतों को गाया. ‘गोधन बाबा चलले अहेरिया….जिया भइया लाख बरिस,’ गीत गाकर भाइयों के लम्बी उम्र की कामना की. वहीं उठहु ए देव उठहु हे सुतले भइले छह मास…. गीत से गोधन बाबा को जगाया, ताकि मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो सके. महिलाओं ने बताया कि वैशाख में शादी विवाह के लग्न समाप्त होने के साथ ही गोधन बाबा सो जाते हैं. उसके बाद से हिंदू धर्म में शादी विवाह जैसे कोई मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. अब इस गोधन बाबा को जगाया गया है ताकि अब मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो सके.
Tags: Gopalganj news, Govardhan Puja, Local18, News18 bihar
FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 17:27 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.