राजकुमार सिंह/ वैशाली: वैशाली जिले के राघोपुर प्रखंड में 20 पंचायतों के तहत 90 से अधिक गांव आते हैं, लेकिन लाखों की आबादी के बावजूद इस क्षेत्र में कोई स्थायी पेट्रोल पंप नहीं है. यहां के लोग झोपड़ी में संचालित अस्थायी पेट्रोल पंपों से ही पेट्रोल-डीजल की आवश्यकताएं पूरी करते हैं. क्षेत्र में ऐसे तीन अस्थायी पेट्रोल पंप हैं, जो झोपड़ीनुमा दुकानों में चलाए जा रहे हैं. यही नहीं, चाय और पान की दुकानों पर भी धड़ल्ले से पेट्रोल-डीजल बेचा जा रहा है.
गंगा नदी पार स्थित राघोपुर में विकास की कमी
वैशाली जिले का राघोपुर प्रखंड गंगा नदी के पार स्थित है, जिससे इस क्षेत्र में बड़े पेट्रोल टैंकर पहुंच पाना मुश्किल होता है. यहां आवागमन का एकमात्र साधन नाव है, जिससे छोटे टैंकरों के जरिए सीमित मात्रा में तेल पहुंचाया जाता है. पेट्रोल पंप संचालकों के अनुसार, वे छोटे टैंकरों से केवल 1200 से 1500 लीटर तेल मंगवाते हैं, जिसे लगभग दस दिनों में बेच दिया जाता है. झोपड़ी में चलने वाले ये पेट्रोल पंप हिंदुस्तान पेट्रोलियम से अधिकृत हैं और यहां पेट्रोल 120 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल 110 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जाता है.
छह लेन पुल से सुधरने की उम्मीद
स्थानीय निवासियों का कहना है कि गंगा नदी के कारण यह क्षेत्र विकास से दूर रहा है और उन्हें इन अस्थायी व्यवस्थाओं में रहना पड़ता है. हालांकि, पटना-समस्तीपुर सिक्स लेन पुल का निर्माण चल रहा है, जिसके बन जाने पर स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 17:38 IST