औरंगाबाद : औरंगाबाद जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र रफीगंज प्रखंड के किसान जनेश्वर मेहता ने 1 एकड़ में पपीता की खेती की है, जिससे वह सालाना 5 लाख रुपए की बचत करते हैं. किसान ने बताया कि इस क्षेत्र में पहाड़ी इलाका होने की वजह से खेती के लिए प्राप्त पानी व्यवस्था नहीं होने से ये क्षेत्र बंजर होता था लेकिन कृषि विभाग और किसान सलाहकार ब्रजकिशोर मेहता के प्रयास से यहां फ़सल लहलहा रहे हैं.
नक्सल क्षेत्र में खेती कर रहे किसान
किसान ने बताया कि कृषि सलाहकार ब्रजकिशोर मेहता द्वारा बताने पर यहां पपीता की खेती की शुरुआत 4 साल पहले किया. पपीता की खेती में पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती हैं और फसल भी अच्छा हो जाती है. पपीता की खेती में गर्मी के दिनों में जहां 5 से 6 दिन पर पानी देने की आवश्यकता होती हैं वहीं ठंड के मौसम में 10- 12 दिनों पर पानी देने की आवश्यकता होती है.
पपीता की खेती से 5 लाख मुनाफा
पिछले 4 सालों में लाखों रुपए की मुनाफा कमा रहे किसान जनेश्वर मेहता ने बताया कि यहां प्रति एकड़ 80 क्विंटल तक पपीता तैयार होता है. वहीं एक पेड़ में 20 से 25 किलो तक पपीता तैयार होता है. उन्होंने बताया कि पपीता तैयार होने में 12 से 15 महीने तक का समय लगता है. इस वक्त बाजार में पपीता 30 से 40 रुपए किलो तक बिक रहा है. ऐसे में थोक रेट में व्यापारी 15- 20 रुपए की कीमत पर प्रति क्विंटल की खरीद करते हैं.
कीड़ा से बचाव के उपाय
किसान ने बताया कि पपीता की खेती में कीड़ा लगने से नुकसान भी होता है. कीड़ा लगने से पपीता की जड़ सूखने लगती है वहीं फल में कीड़ा लग जाता है जिसके लिए किसान को पपीता के क्यारियों में गोबर की खाद, कंपोस्ट काफी मात्रा में मिलाना चाहिए. बता दें पपीता को औरंगाबाद जिले सहित बिहार झारखंड के कई बड़े शहरों में सप्लाई किया जाता है.
FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 10:26 IST