जमुई. चार दिनों तक चले लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार को भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. छठ के दौरान लोगों ने भगवान सूर्य की आराधना की और उन्हें अर्घ्य अर्पित किया. छठ के दौरान छठ व्रतियों ने अपने हाथ में सूप लेकर उसमें फल-फूल इत्यादि के साथ भगवान भास्कर की आराधना की. लेकिन क्या आप जानते हैं की पूजा के दौरान इस्तेमाल में ले गए सूप, दउरा इत्यादि का छठ के बाद क्या इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कहीं ऐसा तो नहीं कि आप भी कोई ऐसी गलती कर रहे हो जिससे आपको नुकसान झेलना तो नहीं पड़ सकता है.
दरअसल, छठ के बाद पूजा में उपयोग में ले गए सूप-दउरा इत्यादि अन्य चीजों के इस्तेमाल को लेकर भी कई सारी सावधानियां बरती जानी चाहिए तथा कई जगहों पर उसका इस्तेमाल वर्जित है. और लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें भविष्य में इसका इस्तेमाल किस तरीके से करना है.
भूल कर भी ना करें यह गलती
ज्योतिषाचार्य पंडित शत्रुघ्न झा ने लोकल 18 को बताया कि छठ को लोक आस्था का महापर्व यूं ही नहीं कहा जाता है. छठ के दौरान लोग काफी सावधानी बरतते हैं. प्रसाद लाने से लेकर हर चीज में लोग सावधानी बरतते हैं, ताकि उनसे कोई चूक ना हो जाए. घर के साथ-साथ बाहर के इलाके को भी बिल्कुल साफ और स्वच्छ तरीके से धोया जाता है.
ऐसे में छठ के दौरान यह सारी सावधानियां सिर्फ इसलिए बरती जाती हैं, क्योंकि छठ में अगर कोई गलती होती है तो इसका दुष्प्रभाव ही लोगों पर पड़ सकता है. ऐसे में सुप और दउरा के इस्तेमाल को लेकर भी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें सूप-दउरा का इस्तेमाल करने को लेकर काफी ही सतर्कता बरतनी चाहिए.
जानिए कहां कर सकते हैं सुप और दउरा का इस्तेमाल
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि छठ के दौरान इस्तेमाल में लिए गए सूप और दउरा का उपयोग घर के कामों में करना चाहिए. इसे घर के काम में इस्तेमाल करना काफी शुभ माना जाता है. अगर आप इसे घर के कामों में इस्तेमाल नहीं कर सकते, तो इसमें कभी भी गंदगी या कचरा फेंकने जैसा काम नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आप इसे अपने घर के काम में इस्तेमाल नहीं कर सकते तो इसे किसी ऐसे व्यक्ति को दान में दे देना चाहिए, जो इसका इस्तेमाल घर के कामों में कर सके.
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FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 21:36 IST