जहानाबाद : भारत में लोग चटपटे खाने के शौकीन हैं. घरों से लेकर होटलों तक प्रयोग में आने वाले मिर्च का खूब इस्तेमाल होता है. तीखापन के बिना सब्जी का स्वाद अधूरा सा लगता है. ऐसे में किसान भाई इसकी खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. जहानाबाद जिले में भी कई किसान मिर्च की खेती करते हैं. इससे उन्हें कम समय में अच्छी कमाई हो जाती है. क्योंकि मार्केट में डिमांड भी हर दिन रहता है और रेट ठीक ठाक मिल जाता है. ऐसे में यह व्यवसाय के लिहाज से अच्छा अवसर माना जा सकता है. आज ऐसे ही एक किसान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी हरी मिर्च की खेती से किस्मत बदल गई.
दरअसल, जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड स्थित जगपुरा गांव के रहने वाले किसान प्रेमचंद पहले परंपरागत खेती करते थे. उससे उनकी आमदनी अच्छी नहीं हो पाती थी और कभी कभी मौसम का मार भी झेलना पड़ जाता था. ऐसे में किसान ने किसी से देखकर हरी मिर्च की खेती करना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्हें भी यह खेती व्यापार के लिहाज से अच्छा लगा. फिर बड़े पैमाने पर करना शुरू कर दिया. आज हरी मिर्च की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसके अलावा टमाटर भी लगाते हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो उनकी कमाई का जो मुख्य स्त्रोत है, वो अब यही टमाटर और हरी मिर्च की खेती है. इससे उनकी आजीविका सही से चल रही है.
प्रेमचंद कैसे करते हैं मिर्च की खेती
किसान प्रेमचंद ने बताया कि हम पिछले चार साल से हरी मिर्च की खेती करते आ रहे हैं. इस तरह की खेती की शुरुआत किसी अन्य को देखकर शुरू किया था, जो फायदेमंद रहा. हमारी अपनी जमीन कम है, ऐसे में चार से पांच कट्ठा में मिर्च की खेती कर रहे हैं. हालांकि, इतना ही खेत में मिर्च की खेती बढ़िया मुनाफा कर रहे हैं. इसे हमलोग अगस्त महीना में बुआई कर देते हैं. इसे लगाने से पहले हम जुताई, कोड़ाई और जब पौधे लगाते हैं, उससे पहले खाद का प्रयोग करते हैं. निरंतर कोड़ाई करते रहते हैं. हम अभी मिर्च में ब्यूटी प्रभेद लगाते हैं. यह 45 दिन में फल फूल देना शुरू होता है और उसके बाद तोड़ना शुरू करते हैं.
क्या है खर्च और कितनी कमाई
उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिन से तोड़ रहे हैं और 2 क्विंटल तक माल टूट चुका है. अभी आधा खेत में ही माल टूटा है. सिर्फ सवा कट्ठा में 2 क्विंटल माल निकाल दिए हैं. अगर कमाई की बात करें तो एक सीजन में 50000 रुपए तक कमाई कर लेते हैं. वहीं, खर्च देखा जाए तो सबकुछ करने में 5000 से ज्यादा का खर्च आता है. अगर मौसम ने साथ दिया तब. इसकी तुडाई हमलोग चैत्र महीना तक करते हैं. पहले हरी मिर्च की खूब बिक्री करते हैं. उसके बाद अंतिम फलन वाला सूखने के लिए छोड़ देते हैं, जो की लाल मिर्च के रूप में बेचते हैं. लिहाजा, देखा जाए तो मिर्च की खेती हमारे लिए फायदे का सौदा अब तक रहा. थोड़ा सा मौसम का साथ मिलता जाए तो कभी दो वक्त की रोटी की कमी नहीं होगी और इस खेती से लाभ भी मिलता रहेगा.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 20:27 IST