विक्रम कुमार झा/ पूर्णिया: जिले के मरंगा गुडमिल्की के युवा किसान संदीप कुमार दास पिछले दस वर्षों से गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं. इस खेती से न सिर्फ उन्हें अच्छी कमाई होती है बल्कि वे अपने डेकोरेशन के व्यवसाय में भी इसका उपयोग करते हैं. संदीप का कहना है कि गेंदा फूल की खेती से वे सालाना मुनाफा कमा रहे हैं और बाहर से फूल मंगाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती.
गेंदा फूल से बढ़ी आमदनी, खुद करते हैं सजावट का काम
संदीप कुमार ने बताया कि गेंदा फूल की खेती करने से उन्हें अपने डेकोरेशन के काम में काफी सहूलियत होती है. शादी-विवाह और अन्य आयोजनों के लिए वे खुद अपने फूलों का उपयोग करते हैं, जिससे उनका मुनाफा बढ़ा है और गुणवत्ता भी बेहतर रहती है.
खेती में बदलाव लाकर हुआ फायदा
संदीप की पारिवारिक स्थिति पहले ठीक नहीं थी, जिस कारण उन्होंने पढ़ाई के बाद खेती को अपना मुख्य व्यवसाय बना लिया. शुरुआत में उन्होंने अन्य फसलों और अनाज की खेती की, लेकिन मुनाफा कम था. इसके बाद उन्होंने फूलों की खेती और डेकोरेशन का काम शुरू किया. फूलों की बढ़ती मांग को देखते हुए उन्होंने गेंदा फूल के पीले, चेरी और लाल किस्म की खेती करना शुरू किया. इन फूलों की खासियत यह है कि वे त्योहारों और सालभर में कई मौकों पर सजावट के लिए उपयोगी हैं, जिससे उनकी आमदनी में लगातार इजाफा हुआ है.
गेंदा फूल की खेती में कम समय और अच्छा मुनाफा
संदीप ने बताया कि गेंदा फूल की फसल सिर्फ 90 दिनों में तैयार हो जाती है और इसके बाद अगले चार महीने तक फूलों की आपूर्ति बनी रहती है. उन्होंने कहा कि एक एकड़ में गेंदा फूल की खेती पर करीब 25,000 रुपये का खर्च आता है, जबकि इससे लगभग 2 लाख रुपये तक का मुनाफा होता है. इस तरह सालाना 5 से 6 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है.
किसानों के लिए लाभदायक खेती
संदीप का मानना है कि गेंदा फूल की खेती, पारंपरिक फसलों की तुलना में ज्यादा लाभकारी है. उनके अनुसार, अगर अन्य किसान भी गेंदा फूल जैसी व्यावसायिक खेती अपनाएं, तो इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो सकती है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 19:02 IST