एनडीए एमएलसी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, बीपीएससी शिक्षकों और नियोजित शिक्षकों में अंतर के मुद्दे पर भाजपा-जदयू ने शिक्षा विभाग को घेरा, शिक्षा मंत्री ने कर दी बड़ी घोषणा, अब होगा शिक्षकों को बड़ा फायदा
भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव और जदयू के संजीव कुमार ने अपनी ही सरकार को शिक्षकों के मुद्दे पर घेरा. बिहार विधान परिषद में नवल किशोर यादव ने कहा कि बीपीएससी शिक्षक सीनियर बनाए गये हैं.
वहीं सक्षमता पास नियोजित शिक्षक जूनियर माने गये हैं. वहीं नियोजित शिक्षक नियमित रूप से 18-20 साल तक का अनुभव रखते हैं. ऐसे में एक ही काम के लिए जो अनुभवी शिक्षक हैं उन्हें जूनियर मानना गलत है. उन्होंने कहा कि अन्य सभी जगहों में अनुभव को प्रमोशन में ध्यान देकर रखा जाता है. ऐसे में नियोजित शिक्षक के अनुभव को दरकिनार कर उनके पर बीपीएससी शिक्षक को सीनियर बताना प्रताड़ित करना है.
हालाँकि शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि हमने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया है. सीएम नीतीश भी इसे लेकर संवेदनशील हैं. क़ानूनी बाध्यता के कारण यह नियम लाया गया लेकिन हम इस पर संवेदनशील होकर विचार करेगे.
इसके पहले एमएलसी शशि यादव ने रसोइयों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 1650 रुपए रसोइया को मिलता है. यह पूरे देश में सबसे कम है. वहीं उन्हें पार्ट टाइम कर्मी कहा जाता है जोगलत है. उन्होंने कहा कि सरकर की ओर से कहा गया है कि सितम्बर और अक्टूबर का भुगतान किया जा रहा है. यह बेहद चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि बिहार एक मिसाल कायम करे. उनका मानदेय कम से कम 10 हजार रुपए किया जाए. इस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं. सीएम नीतीश ने तालिमीमरकज, टोला सेवक आदि के मानदेय बढ़ाया है. इनका भी मानदेय बढ़ाया जायेगा. इस पर शशि यादव ने कहा कि रसोइया को 10 महीने नहीं बल्कि 12 महीने का मानदेय दिया जाए.
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