चंदन कुमार. आरा. कहा जाता है कि इंसान अगर दृढ़ इच्छा शक्ति और लगन के साथ कुछ करने की ठान ले तो पर्वत के शिखर पर जाना भी उसके लिए आसान हो जाता है. यह कहावत आरा की एक बिटिया ने चरितार्थ कर दिया है जिसने बिहार राज्य प्रतियोगिता परीक्षा में पूरे राज्य में आठवां स्थान लाकर घर परिवार अपने जिले का नाम रोशन कर दिया है. अपने प्रथम प्रयास में ही टॉप टेन में स्थान बनाने वाली बिटिया बबली राज भोजपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड के श्रीपुर गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार यादव की बेटी है. वहीं आरा शहर के ब्लॉक रोड में पिछले 40 साल से अपना मकान बनाकर रहने वाला बबली राज का परिवार भी काफी पढ़ा लिखा है. पिता धर्मेंद्र कुमार यादव जहां कहथु में टीचर के पद पर कार्यरत हैं.
पटना यूनिवर्सिटी से की एलएलएम की पढ़ाई
महिमा डॉक्टर नीलम सिंह आरा के सहजानंद ब्रह्माशी कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं. महज 26 वर्ष की उम्र में ही अपने पहले प्रयास में ही न्यायिक सेवा की परीक्षा पास कर पूरे बिहार में आठवां स्थान लाने वाली बबली राज की प्रारंभिक शिक्षा आर के डीएवी स्कूल से शुरू हुई. 2013 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. उसके बाद पार्क माउंट पब्लिक स्कूल नोएडा पटना से इंटर की परीक्षा पास की. चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलबी की परीक्षा 2021 में उतीर्ण की. इसके बाद एलएलएम की पढ़ाई पटना यूनिवर्सिटी से 2023 में पूरा किया.
बचपन से ही कुछ अलग करने की चाहत रखने वाली बबली के माता-पिता भी बेटी की सफलता पर काफी खुश हैं. कॉलेज के दिनों से ही न्यायिक सेवा में जाने का सपना पाल रखने वाली बबली ने पहले ही परीक्षा में इतिहास रच दिया. अपने तीन भाई-बहनों में बबली दूसरी नंबर पर है. बड़ा भाई विवेक राज पटना मेट्रो में प्रोजेक्ट इंजीनियर है. छोटी बहन सौम्या राज स्नातक पास करके प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में लग गई है. बेटी की सफलता पर खुशी मना रहे माता-पिता ने बताया कि बबली बचपन से ही काफी मेधावी थी. परीक्षा से लेकर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करके गोल्ड मेडल लाती थी.
पिता ने परिणाम आने के दो दिन पहले ही बांटी थी मिठाइयां
परीक्षा में सफल होने का अनुमान भी उन लोगों को जरूर था इसीलिए तो पिता ने परीक्षा परिणाम आने के दो दिन पहले ही लोगों के बीच में खूब मिठाइयां बांटी थी. रिजल्ट आने के बाद बिटिया ने पूरे बिहार में आठवां स्थान प्राप्त करके पूरा भोजपुर जिला सहित अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है. हर रोज 6 से 8 घंटा पढ़ाई करने के साथ-साथ बबली ने इस न्यायिक सेवा की परीक्षा को पास करने के लिए कोचिंग का भी सहारा लिया. अपनी सफलता का श्रेय अपने दादाजी, अपने गुरुजन एवं माता-पिता को दिया. बहन की सफलता पर इंजीनियर भाई के भी खुशी का ठिकाना नहीं था.
बबली ने बताया, ‘कॉलेज में जाने के बाद लॉ की पढ़ाई के दौरान हम लोग कोर्ट विजिट करते थे. तभी पहली बार लगा कि जज बनना है.’
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FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 23:34 IST