दिलखुश कुमार झा/ अररिया: जिले के रानीगंज प्रखंड अंतर्गत पोठिया गांव के किसान रौशन कुमार सिंह, जो कुछ महीने पहले करेला की खेती से अच्छी कमाई कर चुके हैं, अब आलू की खेती में व्यस्त हैं. रौशन ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि आलू की खेती के लिए खेत की अच्छी तरह से जुताई और जैविक एवं रासायनिक खाद का संतुलित उपयोग बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा, जैविक खाद के लिए प्रति हेक्टेयर 30 टन खाद डालनी चाहिए, जिससे मिट्टी भुरभुरी बने और उपज बेहतर हो.
दो सालों से आलू की खेती कर रहे रौशन कुमार
किसान रौशन कुमार ने बताया कि वे पिछले दो सालों से आलू की खेती कर रहे हैं. इस सीजन में उन्होंने एक एकड़ जमीन पर आलू की बुआई की है. रौशन ने बताया, एक एकड़ जमीन पर आलू की खेती से लगभग 1 लाख रुपए की कमाई होती है.
उन्नत किस्म के आलू से बेहतर उत्पादन
रौशन ने बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश से मंगाए गए उन्नत किस्म के आलू के बीज का उपयोग किया है, जो प्रति एकड़ करीब 90 क्विंटल तक उत्पादन देता है. उन्होंने कहा, एक एकड़ जमीन पर 10-12 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है और फसल सिर्फ 70-80 दिनों में तैयार हो जाती है.
आलू की बढ़ती मांग से किसानों को लाभ
रौशन के अनुसार, आलू की सब्जी की मांग लगातार बढ़ रही है. दिसंबर में जो किसान अपनी फसल निकालते हैं, उन्हें अच्छी कीमत मिलती है. उन्होंने कहा, वर्तमान में आलू का भाव 40 रुपए प्रति किलो है. हालांकि, नई फसल आने के बाद यह कीमत घटकर 10-20 रुपए प्रति किलो हो जाती है.
कम लागत में अधिक मुनाफा
रौशन ने बताया कि आलू की खेती में लागत कम है और मुनाफा अधिक. सही समय पर फसल तैयार होने और उचित मूल्य मिलने पर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. उन्होंने कहा, हमारी कोशिश रहती है कि फसल की गुणवत्ता अच्छी हो और इसे बाजार में समय पर बेचा जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लाभ हो.
किसानों के लिए प्रेरणा बने रौशन कुमार
रौशन कुमार की मेहनत और तकनीकी जानकारी ने उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि वे अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन रहे हैं. उनकी आलू की खेती की सफलता से यह साफ है कि सही तकनीक और मेहनत के साथ खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 20:49 IST