Weapon Smuggling: 28 अक्टूबर को कनाडा की हालटन पुलिस ने खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को अवैध हथियार रखने, गोलीबारी करने, सबूत के साथ छेड़छाड़ करने समेत कुल 11 आरोपों में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद अर्श डल्ला के पास से अवैध हथियार और उसके ओंटारियो स्थित घर से अवैध हथियार का जखीरा पुलिस ने बरामद किया था.
पुलिस की पड़ताल में ये भी सामने आया कि अर्श डल्ला कनाडा में अवैध हथियारों की तस्करी भी करता था और अर्श डल्ला के मोबाइल फोन की जांच करने पर पुलिस को उसके खिलाफ कई अहम सबूत मिले. इतना ही नहीं ABP न्यूज के पास मौजूद SUPER EXCLUSIVE जानकारी के मुताबिक पुलिस को अर्श डल्ला के फोन की जांच के दौरान ये भी पता चला था कि आतंकी डल्ला इंटरनेट पर बंदूक की गोलियों को ऑनलाइन खरीदने की कोशिश कर रहा था.
डल्ला की जमानत के लिए पेश हुए
पुलिस ने अर्श डल्ला की गिरफ्तारी के बाद इन सभी साक्ष्यों को कोर्ट के सामने रखा और आतंकी अर्श डल्ला की जमानत पर सुनवाई 13 नवंबर से शुरू हुई और 20 नवंबर तक दो बार सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस कोर्ट में हुई. जिसमें सिर्फ तारीखें दी गई. हालांकि इसके बाद 22 नवंबर से अर्श डल्ला के मामले की सुनवाई ओंटारियो की फिजिकल कोर्ट में जमानत पर लंबी बहसों के लिए शुरू हुई.
आतंकी अर्श डल्ला की जमानत के लिए कनाडा की ओंटारियो अदालत में अर्श डल्ला की तरफ से उसके दो कथित दोस्त पेश हुए. जिसमें एक का नाम था पवनदीप सिंह और दूसरे का नाम था अमृतपाल सिंह. ये दोनों युवक कनाडा में रहते हैं और कनाडा में Bold Construction and Renovations Inc. नाम की कंपनी चलाते हैं.
एबीपी न्यूज को मिली Super Exclusive जानकारी
एबीपी न्यूज को मिली Super Exclusive जानकारी के मुताबिक इन दोनों युवकों ने बताया कि ये भारतीय नागरिक हैं, लेकिन कनाडा में Permanent Resident हैं और ये अर्श डल्ला की जमानत के लिए अपनी कुल बचत का एक बड़ा हिस्सा दांव पर लगाएंगे. साथ ही इन दोनो ने ये भी दावा किया कि डल्ला से इनकी मुलाकात कनाडा के ओंटारियो शहर में ही हुई थी जब डल्ला ब्रिटिश कोलंबिया से ओंटारियो शहर के लंदन इलाके में अपने बीवी बच्चों को छोड़ कर काम के सिलसिले में बसा था.
आतंकी अर्श डल्ला के इन दोनों जमानतदारों में पवनदीप सिंह पहले ओंटारियो के दूसरे इलाके में रहता था, लेकिन सिर्फ और सिर्फ अर्श डल्ला की जमानत के लिए साथी जमानतदार अमृतपाल सिंह के घर में अमृतपाल की मंगेतर के साथ रहेगा ताकि अर्श डल्ला से जमानत की शर्तों का पालन करवा पाए.
सरकारी वकील के आरोप और सवाल
ओंटारियो कोर्ट में अर्श डल्ला की ओर से पैरवी कनाडा के वकील दीपक परडकर और हरावल बस्सी कर रहे थे. वहीं पुलिस की ओर से सरकारी वकील जॉन डिब्स्की थे जो दलील पेश कर रहे थे. जिसके बाद मामले में कुल 4 सुनवाई हुई. जिसमें सरकारी वकील ने अर्श डल्ला के दो कथित दोस्तों के ही दावों पर सवाल खड़े किए और कहा ये दोनों युवक जो खुद को अर्श डल्ला का दोस्त बता रहे हैं ये झूठ हो सकता है क्योंकि इन दोनों से कोर्ट में सवाल जवाब करने के बाद उन्हें लगता है कि इन दोनों को ना ही डल्ला के बारे में पूरी जानकारी है और ना ही डल्ला के परिवार के बारे में.
वकील ने इस बात पर भी सवाल उठाए कि आखिर अर्श डल्ला की जमानत उसकी पत्नी या फिर मां ने क्यों नहीं करवाई. सरकारी वकील के आरोपों को अर्श डल्ला के वकीलों ने कोर्ट के सामने खारिज किया और दावा किया कि ये दोनों युवक अर्श डल्ला के दोस्त हैं.
कोर्ट ने दिए सशर्त जमानत के आदेश
दोनो पक्षों को सुनने के बाद कनाडा की ओंटारियो अदालत के जज मंगेश सिंह दुग्गल ने आदेश दिया कि आतंकी अर्श डल्ला के खिलाफ लगे आरोप काफी संगीन हैं और पुलिस के पास उसे साबित करने के लिए अच्छे खासे सबूत भी हैं जिसमें उसके पास और उसके किराए के घर से मिले हथियार और गवाहियां शामिल हैं.
हालांकि इसके बाद भी ओंटारियो कोर्ट के जज दुग्गल ने आतंकी अर्श डल्ला को 30 हजार डॉलर (25 लाख 36 हजार 864 रुपए) की जमानत राशि पर सशर्त जमानत दे दी. जिसमें कोर्ट ने शर्त लगाई है कि अर्श डल्ला उसकी जमानत करवाने वाले उसके कथित दोस्तों के साथ हर समय रहेगा. साथ ही जेल से छूटने के चार दिन के अंदर ही अर्श डल्ला को अपना पासपोर्ट हाल्टन पुलिस के पास जामा करवाना होगा. इसके अलावा अर्श डल्ला मोबाइल फोन और इंटरनेट का प्रयोग नहीं कर सकता है.
अर्श डल्ला के मामले पर अगली सुनवाई 24 फरवरी 2025 को
साथ ही कोर्ट ने ये भी शर्त लगाई कि आतंकी डल्ला उसकी जमानत करवाने वाले जिन कथित दोस्तों के साथ उनके घर में रहेगा वहां से बाहर नहीं निकल सकता है. जानकारी के मुताबिक अर्श डल्ला का अब से नया पता ओंटारियो के हार्डगेट क्रिसेंट के इस घर में होगा. साथ ही ओंटारियो की अदालत अब अर्श डल्ला के मामले पर अगली सुनवाई 24 फरवरी 2025 को करेगी.
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