शिक्षा मंत्री ने पलटा पाठक का आदेश, टीचर के साथ अब कभी नहीं होगा ऐसा काम;
बिहार विधान परिषद में महिला शिक्षकों के मुद्दे पर जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और MLC नवल किशोर यादव ने उठाया सवाल तो इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने सकारात्मक जवाब देते हुए कहा कि मैं माननीय सदस्य के द्वारा उठाए गए मुद्दे पर विभाग में समीक्षा की है और अगले महीने उसे पर सकारात्मक आदेश भी जारी कर दूंगा।
इसके शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि महिला शिक्षकों का मुद्दा लाजमी है और जो सवाल माननीय सदस्य ने उठाया है उसका हल जरूर होगा। नवल किशोर यादव ने महिला शिक्षकों के मातृत्व अवकाश से जुड़े सवाल को उठाते हुए शिक्षा मंत्री पूछा कि क्या यह सही नहीं है के मातृत्व अवकाश में रहने के दौरान एक तरफ जहां महिला शिक्षिकों को मासिक वेतन नहीं मिल पाता तो दूसरी तरफ मातृत्व अवकाश में रहने वाली अवधि के वेतन लेने के लिए महिला शिक्षिकाओं को शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है?
इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि महिला शिक्षिकाओं के मातृत्व अवकाश से जुड़े मुद्दे पर हमने भी विभाग के साथ समीक्षा बैठक की है। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने यह भी कहा कि आगे से ऐसा नहीं हो इसके लिए दिसंबर महीने में महिला शिक्षिकाओं के मातृत्व अवकाश से जुड़े मुद्दे पर सख्त आदेश जारीकरेंगे ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
वहीं सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के बाद आखिरीकर नीतीश सरकार झूक गई है और कहा है कि जिन शिक्षकों का पैसा काटा गया है उन्हें वो पैसा लौटा दिया जाएगा। दरअसल, के. के पाठक जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे तब उन्होंने कहा था कि जो शिक्षक आंदोलन करेंगे उनका वेतन काटा जाएगा। वहीं के.के पाठक के आदेश के अनुसार वीडियो देखकर शिक्षकों का 15 दिन का वेतन काट लिया गया था।
शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि, वो इस मामले में जांच करेंगे। जिन भी शिक्षकों की वेतन काटी गई है उनको वापस दिया जाएगा। दरअसल, जेडीयू एमएलसी डॉक्टर संजीव कुमार ने शिक्षकों के वेतन कटौती पर सवाल उठाया उनका कहना है कि पदाधिकारी का वेतन की कटौती नहीं होती है लेकिन शिक्षकों की वेतन काटी जाती है। ऐसे में सरकार पर सवाल उठते हैं उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा की जाए निदेशक माध्यमिक और निदेशक प्राथमिक शिक्षा पदाधिकारी से मांगा जाए किस आधार पर उन्होंने वेतन की कटौती की है।
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