जहानाबाद : 32वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में 139वीं रैंक हासिल कर जहानाबाद जिले के काको की रहने वाली फरहा निशात ने अपनी मेहनत, लगन और परिवार के समर्थन से अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है. उनकी इस सफलता से उनके परिवारवालों और चाहने वालों में खुशी का माहौल है. उनके पिता निशात अख्तर, जो बिहार सरकार के रिटायर्ड क्लर्क और माता, अकबरी खातून, जो एक गृहणी हैं, ने हर कदम अपनी बेटी को बेहतर करने को प्रेरित करते रहे. इस सफलता से जिले का नाम रोशन करने वाली फरहा की प्रारंभिक पढ़ाई काको से पूरी हुई. मैट्रिक और इंटरमीडिएट की पढ़ाई बिहार बोर्ड से पूरी करने के बाद रांची गईं.
लोकल 18 से बात करते हुए फरहा निशात ने बताया कि इस सफलता से काफी खुश हूं. हमें परिणाम से पहले थोड़ा भय लग रहा था. हालांकि, माता पिता का आशीर्वाद और अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल की. अपनी सफलता की यात्रा के बारे में उन्होंने बताया कि हमारी प्रारम्भिक पढ़ाई काको से ही पूरी हुई. मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा बिहार बोर्ड से पास करने के बाद हम रांची चले गए. वहां अपने बड़े बहनोई एजाज अहमद के मार्गदर्शन में क्लैट की तैयारी की और परीक्षा पास की. क्लैट परिणाम के आधार पर ही हमें हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर (छत्तीसगढ़) मिला.
पहले ही प्रयास में पाईं सफलता
वे आगे बताती हैं कि 2013 से 2018 तक यहां पर वकालत की पढ़ाई की. पढ़ाई खत्म होने के तुरंत बाद हमें सुप्रीम कोर्ट में काम करने का मौका मिला. वहां 2018 से 2021 तक लॉ क्लर्क सह रिसर्च असिस्टेंट के रूप में कार्य किया. इस दौरान हमने न्यायिक प्रक्रिया और कानून की गहरी समझ अपने अंदर विकसित की. इसके बाद जब 32वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा की वैकेंसी आई तो आवेदन करने के बाद इसकी तैयारी में जुट गई. पहले ही प्रयास में मां पिता की प्रेरणा और खुद की मेहनत से सफलता हासिल की.
कठिनाइयों से कैसे पार पाया?
उन्होंने बताया कि 12वीं के बाद स्ट्रीम बदल गया था. साइंस स्ट्रीम से आर्ट्स में पढ़ाई करनी थी. शुरुआत थोड़ी कठिनाई हुई, लेकिन हमारे कॉलेज के टीचर्स ने जिस तरह से हमें सपोर्ट किया. आज उसी का परिणाम हमारे सामने आया है. इस परीक्षा के बारे में अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि अगर आप किसी चीज को चैलेंज की तरह से लें और आपके पास अच्छा मार्गदर्शक हो तो ऐसा नहीं है कि आपकी सफलता में कोई रुकावट आ जाएगी. मेन्स परीक्षा का परिणाम आने वाला था तो थोड़ा आभास हो गया था कि रिजल्ट हो सकता है. पेपर अच्छा जाता है, लेकिन डर तो लगा ही रहता है.
युवाओं को फरहा निशात ने धी यह टिप्स
युवाओं को लेकर फरहा निशात ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि पढ़ने का जो दौर होता है, उसमें लाख कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन जब आप इन चीजों में बने रहेंगे और अपना कर्म करते रहेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी. हां, देर हो सकती है, लेकिन सफलता मिलेगी. हम अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देत हैं, जिन्होंने बखूबी हमारा हर कदम पर साथ दिया है. भाई बहन का भी भरपूर सहयोग हमें मिला है. लोकल 18 से फरहा निशात की माता ने बताया कि हम अपनी बेटी की सफलता से काफी खुश हैं. ऐसा विश्वास हमें शुरुआत से ही था. पिता भी काफी खुश दिखे.
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FIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 16:45 IST