भागलपुर. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोलकाता में हर साल की तरह इस साल भी छह दिवसीय पूर्वांचल महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. इस महोत्सव का आयोजन 17 से 22 दिसंबर तक आयोजित होगा. पूर्वांचल महोत्सव में इस बार लोग भागलपुर के झालमुड़ी का स्वाद चख पाएंगे. आपको बता दें कि पूर्वांचल महोत्सव में भागलपुर की कई चीजें नजर आने वाली है.
महोत्सव में इस बार सबसे खास यहां का झालमुड़ी रहने वाला है. पहले लोग यहां के लिट्टी-चोखा का स्वाद लेते थे.लेकिन, इस बार इसका स्टॉल लगना मुश्किल लग रहा है. हालांकि पूर्वांचल महोत्सव में बिहार की कई सामाग्री नजर आने वाली है.
पूर्वांचल महोत्सव में दिखेगी बिहार की प्राचीन कला
इस महोत्सव में भागलपुर के प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी मंजुषा गुरु मनोज पंडित को दी गई है. मनोज पंडित ने बताया कि 17 से 22 दिसंबर तक यह मेला लगने जा रहा है. जिसमें खाने-पीने के साथ-साथ बिहार के कई कला के प्रदर्शनी को लेकर भी स्टॉल लगने जा रहा है. इसमें भागलपुर के मंजुषा कला के साथ मधुबनी पेंटिंग और टिकुली कला का प्रदर्शनी लगाया जाएगा. खास कर मंजुषा के स्टॉल पर साड़ी, बंडी, दुप्पटा, शॉल, पेंटिंग समेत कई तरह को सामग्री रहेगी. उन्होंने बताया कि मंजुषा पेंटिंग लाइव भी हो सकती है. जिससे अन्य लोगों को भी यहां के लोककला के बारे में समझ आ पाए. पूर्वांचल महोत्सव में कई राज्यों के कलाकार भाग लेंगे. वहीं सिक्की कला का स्टॉल भी लगाया जाएगा.
इन सामाग्रियों के मिश्रण से बनता है झालमुड़ी
यहां की झालमुड़ी की बात करें तो चटपटा व झाल अधिक रहता है. थोड़ा तीखा खाने वाले लोगों को अत्यधिक पसंद आता है. इसलिए यहां का झालमुड़ी लोग बेहद पसन्द करते हैं. झालमुड़ी में मिलाया जाने वाला चटनी खास होता है. इसमें काला चना, मटर, धनिया पत्ता, मूंग, सरसों की चटनी, चनाचूर समेत कई तरह के सामाग्रियों के मिश्रण से बनाया जाता है. इसी वजह से भागलपुर में मिलने वाले झालमुड़ी का स्वाद सबसे अलग होता है.
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FIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 17:54 IST