BPSC Success Story: सब्र और निरंतरता के साथ अगर लक्ष्य का पीछा किया जाए तो उसे पाया जा सकता है. बिहार के औरंगाबाद जिले की रहने वाली सुधा राज की डीएसपी बनने की कहानी भी उनकी इसी निरंतरता और अपने लक्ष्य के प्रति डटे रहने की कोशिश को बयां करती है.
2018 से शुरू हुआ था सफर
औरंगाबाद जिले की सुधा राज ने औरंगाबाद से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई करने के बाद साल 2018 में UPSC की तैयारी करने के लिए दिल्ली का रुख किया. सुधा ने BPSC और UPSC की परीक्षा दी लेकिन असफल हो गई. हालांकि अगले साल ही उनका चयन पुलिस में उनका चयन दरोगा के रूप में हुआ जिसकी ट्रेनिंग के लिए वो राजगीर चली गई.
ये भी पढ़ें-
जेके पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती, उम्र सीमा में छूट के साथ आवेदन जमा करने का विशेष मौका, पढ़ें डिटेल्स
हासिल की 143वीं रैंक
पांच साल तक लगातार सब्र और मेहनत करने का नतीजा यह हुआ कि एक ही साल में उन्हें दोहरी खुशी नसीब हुई. पहले उनका चयन बिहार पुलिस में दरोगा के पद पर हुआ. फिर भी दरोगा बनने के बाद भी सुधा ने अपना फोकस नहीं हटने दिया और 69वीं BPSC परीक्षा में 143वीं रैंक लाकर डीएसपी का पद हासिल किया. सुधा की मां मनोरमा देवी पूर्व जिला पार्षद हैं, जबकि सुधा के पिता अवधेश पासवान आपदा प्रबंधन विभाग में क्लर्क हैं.
ये भी पढ़ें-
दिल्ली में शुरू हुई नर्सरी एडमिशन 2025-26 की प्रक्रिया, जानिए किस उम्र के बच्चे ले सकेंगे एडमिशन
सामाजिक चुनौती का भी कर रही थीं सामना
मां-बाप के सपोर्ट और संरक्षण के चलते सुधा दिल्ली में तैयारी तो जरूर करने लगीं लेकिन उन्हें व उनके परिवार को सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा. बेटियों के घर से निकलने पर ताना मारा जाता था, लोग कई तरह कि टीका टिप्पणी करते थे. हालांकि सुधा राज ने बीपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर उन सभी लोगों को जवाब दे दिया. बता दें, इसी साल सुधा राज का चयन बिहार पुलिस में SI पद पर भी हुआ था.
ये भी पढ़ें-
इस दिन होगा देशभर के स्कूलों में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण सर्वे, सरकार की इस नीति का होगा आंकलन
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI