जहानाबाद. सर्दियों के मौसम में पशुपालकों को अपने पशुओं का विशेष खयाल रखना पड़ता है. खास तौर पर दुधारू पशुओं का ध्यान अधिक रखना होता है, क्योंकि इस समय में पशुओं में कई प्रकार की जानलेवा संक्रामक बीमारी फैलती है, जिससे पशु तेजी से बीमार पड़ते हैं. आम तौर पर देखा जाता है कि ठंड के मौसम में पशुओं में निमोनिया और ठंड लग जाती है.
इसके चलते कई पशुओं की जान चली जाती है. इस समय में वायरस से फैलने वाली खतरनाक बीमारी खुरपका और मुंहपका रोग का डर रहता है, जिससे दुधारू पशु में दूध देने की क्षमता कम हो जाती है. इसे फुट एंड माउथ डिजीज (FMD) कहा जाता है, जो पशुओं को काफी कमजोर कर देती है.
वायरस से फैलता है फुट एंड माउथ डिजीज
ऐसे में इस खतरनाक बीमारी के लक्षण क्या होते हैं? इसके रोकथाम के लिए क्या उपाय करना होता है? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए Local 18 की टीम ने मोदनगंज प्रखंड स्थित बंधुगंज पशु चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. सुबोध से खास बात की. उन्होंने इसके बारे में कई जानकारियां साझा की. सबसे पहले उन्होंने बताया कि यह एक संक्रामक बीमारी है, जो वायरस से फैलता है. यह किसी भी मौसम में फैल सकता है. हालांकि, इस बीमारी का सबसे ज्यादा फैलने का डर सर्दियों के मौसम में रहता है. इस बीमारी को फुट एंड माउथ डिजीज कहते हैं.
जानें बीमारी के लक्षण
उन्होंने बताया कि यह वायरल बीमारी पूरे देश में फैलती है. इसकी अब तक कोई स्पेसिफिक दवा नहीं बन पाई है. हालांकि, पशुओं में दिख रहे लक्षण के हिसाब से इलाज करते हैं. यदि आपके पशु में यह संक्रामक बीमारी हो गई है तो आप इसके लक्षण से पकड़ सकते हैं. इसमें बुखार रहती है, बुखार के बाद मुंह और पैर में घाव बनता है, छाले पड़ जाते हैं. जब ऐसी कोई लक्षण दिखे तो तुरंत इसका प्रबंधन करें ताकि समय रहते इस पर काबू पाया जा सके. इस बीमारी से बचाव के लिए भले ही कोई स्पेसिफिक दवा नहीं है, लेकिन बीमारी के हिसाब से दवाई दे सकते हैं.
ऐसे करें इस रोग का उपचार
पशुपालन विभाग के डॉक्टर के अनुसार, बुखार रहने पर इससे संबंधित दवाइयां देनी होती है. घाव को साफ करके रखें. खास बात यह है कि इस बीमारी से बचाव के लिए केंद्र सरकार से टीकाकरण चलाया जाता रहा है. हर साल दो बार इससे बचाव के लिए पशुओं को टीकाकारण करवाया जाता है. इसका वैक्सीनेशन बिहार राज्य में चल रहा था, जिसका समापन इसी महीने से 25 तारीख को हुई है. वैक्सीनेशन करवाने से यह फायदा होता है कि पशुओं में एक महीना के अंदर इम्यून पावर बढ़ जाता है, जिससे FMD बीमारी का डर बहुत कम रहता है. जिले में अब तक कोई मामला इस रोग से संबंधित नहीं आया है.
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FIRST PUBLISHED : December 1, 2024, 11:01 IST