गया. पुलिस ने बड़े पैमाने पर साइबर गैंग का पर्दाफाश किया है. शहर के बीच-बीच के लोगों के लिए एक बड़ा कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। यहां से लोगों को लोन हिस्सेदारी सहित अन्य परिभाषाओं के बारे में बताया गया है कि कंपनी के स्वामित्व में पैसा डालवा कर हिस्सेदारी करने का काम किया गया था। इस मामले में साइबर पुलिस ने मुख्य सरगना समेत 36 महिला पुरुषों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि यह एक्शन पोर्टेबल प्लेटफॉर्म क्षेत्र के मिर्जा गालिब कॉलेज के नजदीक एक भवन में 'पिनोल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी है। यहां डेजर्ट्स 3 सेरेस्ट्स का बड़ा गेम चल रहा था।
साइबर प्रमाण पत्र कुमारी ने बताया कि अभी जांच चल रही है और इस गिरोह ने कुल कितने रुपये की हिस्सेदारी की है, इस बारे में थथॉमी जमा कर रहे हैं। पुलिस ने यहां से 33 लैपटॉप, तीन लैपटॉप समेत अन्य दस्तावेज, मोबाइल भी बरामद किये हैं. पुलिस ने जब नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल से सभी मोबाइल नंबरों की जांच की तो पता चला कि पूरे भारत में करीब 20 मोबाइल नंबरों से 36 साइबर रिजर्व की याचिका दर्ज की गई है और इन नंबरों से लोन आवंटन पात्रता का लाभ, लाइसेंस स्वीकृति के नाम पर रखा गया था. गिरफ़्तार से पूछताछ में पता चला कि सभी मोबाइल नंबर कंपनी को दिए गए थे।
ये भी पढ़ें: देवघर समाचार : लेडी एंटरप्राइजेज के पास के एंकर, ट्रक्लास के इन गोल मारी, माचा सामान
ये भी पढ़ें: ऐसी ही एक बात, पुलिस स्टेशन का चक्कर माथा फिर से
निवेशकों की याचिका के बाद हुई कार्रवाई, सीईओ-मैनेजर भी अरे सुपरमार्केट
इस कंपनी के असिस्टेंट निशांत कुमार और मोहित कुमार हैं। इस मामले में साइबर थाने के सीईओ साक्षार्थी कुमारी ने बताया कि कई दिनों से मछुआरों की याचिका मिल रही थी। जब उनकी पूरी तरह से मार्केटिंग चली गई तो मिर्जा गालिब कॉलेज के किनारे एक भवन के पिनोल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बिक गई। कंपनी के सीईओ और मैनेजर से कंपनी से जुड़े कर्मचारी गए तो वे घटिया करने लगे, इसके बाद यहां से सभी कर्मचारियों को रिजेक्ट कर दिया गया है।
टैग: बिहार अपराध समाचार, बिहार समाचार, बिहार समाचार आज, बिहार पुलिस, गया ताजा खबर, गया समाचार, गया न्यूज टुडे
पहले प्रकाशित : 1 दिसंबर, 2024, 23:41 IST