भारत के खिलाफ मसूद अज़हर: भारत में उग्रवादी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद मसूद 21 साल बाद सार्वजनिक रूप से बाहर आया है। 21 साल बाद मसूद ने पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के कैडरों को निशाना बनाया। अपने 66 मिनट के अज़ाब में आतंकवादी के खिलाफ़ आतंकी आतंकी मसूद आतंकी गुट ने भारत के खिलाफ़ ज़हर उगला है और कश्मीर में भारतीय सेना के जेहादी के समर्थन और समर्थन के लिए आतंकी हमले की बात कही है।
मसूद के भाषण में तालिबान को दिए गए बयान की खूब चर्चा हो रही है। माजूड ने अपने भाषण में तालिबान के साथ अपने संबंधों पर खूब जोर दिया। इस दौरान शूटरों ने तालिबान तालिबान के प्रमुख नेता सिउद्दीन हक्कानी के कथित सपने का भी जिक्र किया और कहा कि इसके बारे में खुद हक्कानी ने उन्हें जानकारी दी थी। वहीं, जम्मू कश्मीर में जेहाद की योजना बनाए जा रहे लोगों ने अपने संगठन में भर्ती की अपील की है।
खुद को मजबूत बनाने की कोशिश में लगा मसूद मस्जिद
विशेषज्ञ का कहना है जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद बज़ाख ने अपने भाषण में तालिबान के साथ आतंकवादियों का ज़िक्र किया था। इसके पीछे उनका उद्देश्य खुद को पाकिस्तान में मजबूत बनाना है। सीधे तौर पर कहा जाता है तो खुद को तालिबानी नेताओं के व्यक्तित्व के रूप में पेश किया जा रहा है।
हक्कानी ग्रुप ने मसूद मस्जिद के दावे को खारिज कर दिया
मसूदराज, आतंकवादी, तालिबान के प्रमुख नेता सिउद्दीन हक्कानी के साथ बंदियों के दावे के बाद हक्कानी ग्रुप की ओर से इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है। जिसमें ग्रुप ने शेयरधारकों के दावे को खारिज कर दिया है। अब्दसैयद नेम के एक्स अकाउंटिंग में दावा किया गया है कि अफगानी तालिबान के उप नेता सिराजुद्दीन हक्कानी के एक करीबी मीडिया सहयोगी ने बताया कि हक्कानी ने आतंकियों के दावे की आलोचना की है और कहा है कि उनके पास किसी सपने की जानकारी नहीं है।