महाराष्ट्र समाचार: मुंबई पुलिस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व नेता बाबा बाबा की हत्या के मामले में गिरफ्तार 13 आरोपियों को सोमवार (9 दिसंबर) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अदालत को बताया कि जेल में बंद नेशनल लॉरेंस बिश्नोई की इस हत्या में भूमिका अभी तक सामने नहीं आई है, जबकि उसका भाई अनमोल बिश्नोई एक अलग गिरोह का खुलासा कर रहा है।
असल में, 12 अक्टूबर को बाबा अटारी के निर्मल नगर इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने अब तक कथित तौर पर श्रेया शिवकुमार गौतम समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। अनमोल बिश्नोई इस मामले में सबसे पुराना वेश्यालय है। पुलिस ने 30 नवंबर को महाराष्ट्र सहयोग अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की कठोर धाराओं के खिलाफ 26 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में गिरफ्तार 26 आरोपियों को 13 सोमवार को मकोका अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 16 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। शेष अमूल्य संवैधानिक राज़ में हैं।
'छोटी-छोटी कड़ियों को जोड़ने की जरूरत'
विशेष सरकारी वकील के माध्यम से मुंबई पुलिस ने अदालत से कहा कि इस मामले में कई छोटे-छोटे बच्चों की तलाश की जा रही है और जांच पूरी करने के लिए सभी को इसमें शामिल किया जाएगा, क्योंकि इसके लिए आरोपियों की जरूरत है।
'वित्तीय अधिकारियों की हो जांच'
पुलिस ने अदालत को बताया कि जांच में पता चला है कि अनमोल बिश्नोई ने 40,000 रुपये मांगे थे और इस मामले से जुड़े वित्तीय आधार की जांच की जा रही थी।
16 दिसंबर तक पुलिस मजिस्ट्रेट को भेजा गया
अभियोजन पक्ष ने विशेष अदालत को बताया कि अनमोल बिश्नोई का गिरोह उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सक्रिय था और “वह गिरोह के नेता के रूप में अपना विक्रांत स्थापित करने की कोशिश कर रहा था।” पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि बिश्नोई और उसका भाई अब अलग-अलग गिरोह चला रहे हैं। अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 16 दिसंबर तक 13 आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेज दिया।
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