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बांका के शंभूगंज प्रखंड के अनंत कुमार सिंह ने कुश्ती प्रतियोगिता में साउथ एशियन चैम्पियन में परचम लहराया है। साउथ एशियन चैम्पियनशिप में भाग लेकर सिल्वर मेडल जीतकर गांव के अलावा जिले का नाम रोशन किया। इन्होंने पाकिस्तान के पहलवान को धूल चटाया है। साउथ एशियन चैम्पियनशिप में भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, चीन, भूटान सहित आठ देशों के पहलवान ने बीते 30 अगस्त से 1 सितंबर तक नेपाल के काठमांडू में अपना प्रदर्शन दिखाया। जिसमें बांका के लाल ने परचम लहराया। शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र स्थित झखरा पंचायत गांव के अनंत कुमार सिंह (30) पिता योगेन्द्र सिंह ने कुश्ती प्रतियोगिता साउथ एशियन चैम्पियनशिप में भाग लेकर सिल्वर मेडल जीतकर गांव के अलावा जिले का नाम रोशन किया। पुरी में जीता था गोल्ड मेडल अनंत उड़ीसा के पुरी में हुए कुश्ती प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर गांव के अलावा बिहार का नाम रोशन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि पंद्रह दिन पहले सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। पैर के घुटने और बांह में जख्म अभी भरा नहीं था कि साउथ एशियन में भाग लेने का मौका मिला। साल 2028 में ओलिंपिक में लेंगे हिस्सा पाकिस्तान के पहलवानों को इन्होंने धूल चटाया है। लेकिन, पैर चोटिल होने से दो अंकों से लुढक गए और गोल्ड मेडल हाथ से निकल गया। अनंत ने बताया कि 2028 में ओलिंपिक में भाग लेने का अवसर मिलेगा। इसकी तैयारी के लिए अभी से जुट जाएंगे। अनंत ने उम्मीद जताई कि ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश के साथ बांका का नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि उक्त आठ देशों के पहलवान से जैसे ही परिचय प्राप्त होने लगा तो बांग्लादेश और पाकिस्तान के प्रतिभागियों ने बांका को जंगल बता दिया। जिनसे हाथ मिलाकर उन्हें हरा दिया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे खिलाड़ी अनंत को केंद्र सरकार के अलावा बिहार और झारखंड की सरकार से काफी उम्मीदें हैं। जॉब कर करते हैं परिवार का भरण पोषण बांका के अनंत कहते है कि यदि साधन व संसाधन मिलता रहे तो निरंतर अभ्यास से ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करेंगे। अनंत कुमार फिलहाल वेदांता ग्रुप कंपनी झारखंड में फीटर का जॉब कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। इनके पिता झखरा गांव के एक गरीब किसान हैं। जबकि, दो भाइयों में सबसे बड़ा भाई गौतम कुमार मजदूरी का काम करते हैं। माता हेमा देवी कुशल गृहिणी हैं। घर की आर्थिक तंगी से पहलवानों के लायक दूध, बादाम सहित अन्य भोजन नहीं जुटने से चिंतित रहते हैं। अनंत ने पांच वर्ष पूर्व बोकारो में जुली कुमारी से प्रेम-विवाह किया। जिसमें तीन साल की बेटी आराध्या के साथ झारखंड में रहते हैं। कनाडा में होने वाली कुश्ती प्रतियोगिता में लेंगे भाग अनंत ने छह महीने बाद कनाडा में होने वाली कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेने की तैयारी शुरू कर दी है। जबकि, ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन दिखाने की बात कही। बताया कि बिहार सरकार कहती हैं कि एक मेडल लाओ और सरकारी नौकरी पाओ, लेकिन एक होनहार खिलाड़ी को सरकारी सेवा में मौका नहीं मिलने से सौतेला व्यवहार करार दिया। उन्हों ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतकर बांका में युवाओं के लिए अखाड़ा खोल कर प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। इंटर तक प्रारंभिक शिक्षा – दीक्षा गांव में रहकर पूरा किया। उन्होंने गांव की मिट्टी से अपने आप को काफी लगाव बताया। गांव के हर दिल युवा के चहेता अनंत से ग्रामीणों को काफी उम्मीदें लगी हुई है।
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