पटना : एचएस सदर अस्पताल में डिपार्टमेंट वार्ड और ए आरटी सेंटर के पास रेलवे स्टेशन पर पानी का बहाव हो रहा है। इस इलाज के लिए सदर अस्पताल में आने वाले लोगों में भर्ती का खतरा लगातार बना हुआ है। वहीं सदर अस्पताल के कर्मचारी भी इस संक्रमण की चपेट में आने से खतरे में पड़ गए हैं।
वहीं इसके दुर्गंध से भी लोगों को परेशानी हो रही है। बता दें कि सदर अस्पताल में साफ-सफाई की व्यवस्था में सुधार नहीं होने के कारण जुलाई महीने में डीएस ने अपने पैड से छुट्टी ले ली थी, हालांकि उसके बाद भी सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार पर कोई नजर नहीं आई। अस्पताल में आने वाले मरीज़ और उनके परिजन इस स्थिति से चिंतित हैं, क्योंकि इलाज के दौरान संक्रमण की खतरनाक स्थिति बनी हुई है। बता दें कि अस्पताल भी इस गंदगी से प्रभावित हैं और संक्रमण की चपेट में आने का डर उन्हें सताता है।
सदर अस्पताल की सफाई व्यवस्था की खस्ताहाल स्थिति के कारण जुलाई महीने में डीएस को उनका पैड हटा दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद अस्पताल की सफाई व्यवस्था में कोई ठोस सुधार देखने को नहीं मिला। यही नहीं ऑफिस सीएसआईआर, जिला मलेरियल ऑफिस और पीकू वार्ड के सामने भी बालाजी पानी का जमाव रहता है।
फिर भी इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जाता। अस्पताल सदर के शौचालय के पानी के संपर्क में आने से कई प्रकार की बीमारियाँ और संक्रमण हो सकते हैं। जिसमें डायरिया और गैस्ट्रोइंटराइटिस, टाइफाइड बुखार, हैजा, त्वचा संक्रमण, डायरिया-ए, बैक्टीरिया और मलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस तक का संक्रमण हो सकता है। इसके कारण दस्त में आना से उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, बुखार, दस्त, डायरिया, त्वचा पर चकत्ते, खुजली और फंगल संक्रमण, पीलिया, दस्त में दर्द और खुजली या गुर्दे में दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इन प्रतिबंधों के लिए सफाई और पानी विक्रेताओं की व्यवस्था आवश्यक है।
समय-समय पर नाल को साफ किया जाता है। मॉडल अस्पताल के निर्माण कार्य के कारण जमीन के नीचे से भी पानी का भराव हो रहा है। निर्माणाधीन बिल्डिंग के सदर अस्पताल को हैंडओवर होने के बाद कई समस्याओं का निदान हो जाएगा। – डॉ नागमणि राज, डीएस, सदर अस्पताल, डॉट कॉम