- अपराध और अपराधियों पर सख्त रहने वाले आईपीएस अधिकारी चंद्र प्रकाश बने जमुई एसपी
- करीब 3 साल के कार्यकाल में एसपी शौर्य सुमन ने तोड़ दी नक्सलियों और अपराधियों की कमर.
जमुई : बिहार सरकार की गृह विभाग ने गुरुवार को एसपी शौर्य सुमन का तबादला बेतिया कर दिया है. शौर्य सुमन की जगह 2019 बैच के आईपीएस अधिकारी पटना मध्य के एसपी चंद्र प्रकाश को जमुई का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है. चंद्र प्रकाश चर्चित आईपीएस अधिकारी हैं जिनका नाम सुनते ही अपराधी दहशत में आ जाते हैं. हालांकि, चंद्र प्रकाश के लिए जमुई जिले की चुनौतियां बड़ी होंगी खास कर नक्सल मामलों में. नई जिम्मेदारी के तहत उन्हें अपराधियों और बालू माफियाओं पर कड़ी नजर रखनी होगी.
बता दें कि जमुई जिले के नए पुलिस कप्तान चंद्र प्रकाश 2019 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. इससे पहले वो पटना मध्य में बतौर पुलिस अधीक्षक और उससे पहले भोजपुर जिले में पुलिस पदाधिकारी के रूप में योगदान दे चुके हैं. अभी तक के अपने कार्यकाल में आईपीएस अधिकारी चंद्र प्रकाश के बारे में बताया जाता है कि वह भी अपराध और अपराधियों के खिलाफ कड़क अधिकारी हैं. जमुई में उनके आने को लेकर लोगों में खुशी है वहीं अपराधियों में हड़कंप है.
जमुई जिला जो कि जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है जहां नक्सलियों का जमावड़ा रहता है. साथ ही झारखंड का सीमा होने के कारण शराब तस्करी का काला कारोबार भी होता है. इसके अलावा जिले में कई नदियों से बालू खनन के नाम पर माफिया का भी समानांतर कारोबार चलता है. जीरो टॉलरेंस की नीति को प्रभावित ढंग से लागू करना होगा और पब्लिक के बीच पुलिस के प्रति विश्वास बनाए रखना होगा. उनके सामने अपराध और सामाजिक व्यवस्था को सुधारने की चुनौती होगी. इसके लिए उन्हें रणनीति योजनाएं बनानी होंगी.
शौर्य सुमन की विदाई के साथ जमुई पुलिस विभाग के लिए एक नया चैप्टर शुरू होगा. जिसमें IPS अधिकारी चंद्र प्रकाश के नेतृत्व में कानून व्यवस्था और सुरक्षा की नई दिशा तय की जाएगी. बता दें कि जमुई में एसपी के रूप में डॉ शौर्य सुमन का कार्यकाल बेहतर रहा है. 2017 बैच के आईपीएस अधिकारी शौर्य सुमन तकरीबन पौने तीन साल के अपने कार्यकाल में नक्सली संगठन के बड़े नेताओं के साथ-साथ अपराधी सरगनाओं को सलाखों के पीछे भेज कर जमुई पुलिस की उपलब्धि की एक मुकाम में कामयाब रहे. यूं कह सकते हैं कि शौर्य के शौर्य के आगे अपराधियों और नक्सलियों का मन फीका पड़ गया.
नक्सली संगठन की रीढ़ तोड़ने की शुरुआत पुलिस अधीक्षक ने मुठभेड़ में मतलु तुरी को मार गिरा कर की थी, इसके बाद तो नक्सली संगठन में ऐसा खौफ पनपा की बारी-बारी से छोटे-बड़े दर्जन नेताओं ने आत्मसमर्पण कर दिया या फिर पकड़े गए. इसमें इनामी नक्सली कमांडर बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा, नागेश्वर कोड़ा का नाम बड़ा नाम था. उनके समर्पण की प्रशंसा राज्य स्तर पर हुई. इसके बाद भी ऑपरेशन शौर्य जारी रहा पिंटू राणा तथा उसकी अभिन्न सहयोगी करुणा के साथ गिरफ्तार कर लिया. जसीडीह के जंगल में एक अन्य महिला नक्सली की भी गिरफ्तारी उपलब्धियां की सूची में महत्वपूर्ण है. सराहनीय कार्य के लिए जमुई एसपी शौर्य सुमन को सीआरपीएफ द्वारा डीजी डिस्क सम्मान से भी सम्मानित किया गया.