बिहार न्यूज : राजधानी पटना सहित बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, गया जिले के कुछ स्थानों पर मंगलवार को लू के साथ भीषण उष्ण लहर की संभावना के लिए मौसम विभाग ने रेड रिपोर्ट जारी की है। सीवान, सारण, वैशाली, शेखपुरा, बेगूसराय, समस्तीपुर, नवादा, नालंदा में उष्ण लहर के लिए ऑरेंज ऑडियो जारी किया गया है। वहीं राज्य के उत्तर पश्चिम, उत्तर मध्य, दक्षिण पूर्व के जिलों में एक से दो स्थानों पर गर्म दिन रहने का खतरा है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के औरंगाबाद में सर्वाधिक तापमान 46.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सुपौल, अररिया, पूर्णिया में बारिश के असर
मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि सुपौल, अररिया, पुरनिया, किशनगंज की कुछ चीजों में आने वाले तीन से चार घंटे के दौरान मध्य स्तर की मेघ गर्जन के साथ बारिश के असर जताए गए हैं। इन जवानों में तेज हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना बताई गई है। राज्य के जिन जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किए गए उनके नाम पटना 41.5, गया 45.4, छपरा 43.3, डेहरी 46.4, शेखपुरा 42.4, गोपालगंज 42.1, जमुई 41.2, बक्सर 46.6, भोजपुर 46.2, वैशाली 44.3, औरंगाबाद 46.2, बांका 43. 3, नवादा 44.0, राजगीर 44.3, जीरादेई 43.6 ,अरवल 46.4, बिक्रमगंज 45.4 मुंगेर 41.4 इसके अलावा भागलपुर 39.2 ,पूर्णिया 32.2, वाल्मीकि नगर 37.2 , छपरा 36.2, दरभंगा 37.2, सुपौल 33.2, फारबिसगंज 32.2, मधुबनी 36.7 मोतिहारी 37.0, समस्तीपुर 37.1, बेगूसराय 37.0, कटिहार 33.6, अररिया 30.5, पूसा 36.8 और किशनगंज 31.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
पिछले 24 घंटे में एक या दो जगहों पर हुई बारिश
पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के उत्तर पूर्व भाग के एक या दो स्थानों पर सुखद बारिश दर्ज की गई। शेष का शेष भाग सूखा बना रहा। राज्य के 17 स्थानों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक बना रहा। प्रदेश के कई स्थानों पर भीषण उष्ण लहर की स्थिति बनी रही। जबकि उष्ण लहर पटना, जमुई और मुंगेर में दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के उत्तर पूर्व और दक्षिण पूर्व में एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान होता है। अगले दो से तीन दिनों के दौरान तापमान में कोई विशेष परिवर्तन का पूर्वानुमान नहीं है। तत्पश्चात अधिकतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है। बिहार के कुछ चित्रों में तीन से चार दिनों के बाद प्रतीकों का प्रभाव दिखाई देगा।