राजनीति : मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी, अकेले भाजपा के टिकट पर पहली बार चेहरे से सांसद बने राजभूषण चौधरी भी मोदी टीम में शामिल हो गए हैं। उन्होंने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली। पीएम आवास पर बैठक में शामिल हुए थे। ग्राफिक्स में उनके समर्थक भी दावा कर रहे हैं कि उन्हें दिल्ली बुलाया गया था। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि राजभूषण चौधरी को भाजपा मल्लाह जाति के वोटबैंक के लिए मंत्री बनाना चाहती है। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अजय निषाद को करीब 2,34,927 वोटों से हराया और बिहार में सबसे ज्यादा मार्जिन जीतने वाले सांसद बन गए। भाजपा के एक मंत्री पद देकर मल्लाह वोट बैंक पर अच्छी पकड़ बनाना चाहते हैं।
पहली बार ही वह दिल्ली पहुंचे हैं डॉ. राजभूषण चौधरी
वर्जिनिया विमानक्षेत्र से सांसद बने डॉ. राजभूषण चौधरी का नाम सुखद वाला है। क्यों कि पहली बार ही वह दिल्ली पहुंचे हैं। पहली बार ही सांसद बने हैं और मोदी कैबिनेट में शामिल हो रहे हैं। डॉ. राज भूषण चौधरी निषाद सेक्स से चिकित्सक हैं। वह मूल रूप से पहाड़ियों वाले जिलों के शकरा के पिलखी के रहने वाले हैं। समस्तीपुर के रोसड़ा में उन्होंने बड़ा अस्पताल बनाया है। चार जुलाई 1977 को राजभूषण चौधरी ने बेगूसराय के कुंभी से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने समस्तीपुर के हसनपुर कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास की। इसके बाद धनबाद के पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज से विस्थापित किया गया। फिर दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमडी की डिग्री ली। इसके बाद दरभंगा मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट रहे। राजभूषण चौधरी गाजियाबाद के संतोष मेडिकल कॉलेज में अध्यापक के रूप में सेवा दी।
अजय निषाद ने ही डॉ. राजभूषण चौधरी को भाजपा को लेकर आये
बताया जा रहा है कि डॉ. राजभूषण चौधरी निषाद निषाद विकास संघ से कई वर्षों से जुड़े हुए हैं। वर्ष 2017 में वह मुकेश सहनी के संपर्क में आए और उनके पीछे-पीछे ही जातीय संगठन का काम करते रहे। निषाद विकास संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रिश्तेदार मल्लाह जाति को एससी-एसटी का दर्जा दिलाने के लिए राजभूषण चौधरी की सक्रियता दिखाई दी। वर्ष 2022 के बोचाहां चुनावों के दौरान ही अजय निषाद ने ही राजभूषण चौधरी को भाजपा में शामिल किया और उन्हें प्रदेश भाजपा में भी अच्छा पद मिला। इसके बाद इस चुनाव से पहले अचानक भाजपा ने अजय निषाद का टिकट काट दिया और राजभूषण निषाद को टिकट दिया। नाराज अजय निषाद कांग्रेस में चले गए और राजेश भूषण चौधरी के खिलाफ चुनावी लड़ाई में भारी मतों से हार गए।