करवा चौथ सुहागिनों का सबसे बड़ा पर्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, वैवाहिक जीवन और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत निर्जला रहकर किया जाता है। व्रती महिलाएं रात को चांद दर्शन और पूजा के बाद व्रत तोड़ती हैं। मान्यता है कि चंद्र दर्शन और चांद को अर्घ्य देने से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय हर जगह पर अलग-अलग होता है। कुछ स्थानों पर चांद जल्दी निकल आता है, तो कहीं पर चंद्रदर्शन देर से होते हैं। आइए जानते हैं एपमी में सबसे पहले कहां निकलेगा चांद-
एमपी में सिंगरौली में सबसे पहले चंद्रोदय हो गया है। यहां पर शाम को 7 बजकर 44 मिनट पर चंद्रोदय हो गया है। आइए जानते हैं, एपमी के अन्य शहरों में कब होगा चंद्रोदय-
भोपाल – 8.08 पी एम
जबलपुर – 7.58 पी एम
ग्वालियर – 7.57 पी एम
उज्जैन – 8.04 पी एम
रतलाम – 8. 17 पी एम
खंडवा – 8.16 पी एम
खरगोन – 8.21 पी एम
रीवा – 7. 48 पी एम
सतना – 7.50 पी एम
कटनी -7.54 पी एम
शिवपुरी- 08:01 पी एम
मंदसौर- 08:15 पी एम
चांद को अर्घ्य देते समय ये चीजें रखें साथ-
चांद को अर्घ्य देते समय महिलाएं चुन्नी जरूर साथ ले जाएं, जिसे आपने कथा सुनते समय पहना था। चांद को छलनी पर दीया रखकर देखें और फिर तुरंत उसी छलनी से पति को देखें। कहते हैं कि छलनी में दीया रखने का रिवाज इसलिए बना क्योंकि पहले जब स्ट्रीट लाइट्स नहीं हुआ करती थीं तो महिलाएं चांद देखने के बाद छलनी में दीया के प्रकाश से पति का चेहरा देखती थीं।