आज के डिजिटल युग में व्हाट्सऐप जैसे मैसेजिंग ऐप्स हमारी जिंदगी का खास हिस्सा बन चुके हैं. चाहे व्यक्तिगत बातचीत हो या फिर व्यवसाहिक लेनदेन, हम ज्यादातर चीजें व्हाट्सऐप पर करते हैं. जहां ईमेल से होने वाली बातचीत को ऑफिशियल माना जाता है और कानूनी कामकाजों में भी आप इसे सबूत के तौर पर दिखा सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्हाट्सएप पर होने वाली बातचीत कानूनी रूप से मान्य है या नहीं? चलिए आज जान लेते हैं.
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व्हाट्सऐप चैट मानी जाती है ऑफिशियल?
व्हाट्सएप चैट को डिजिटल साक्ष्य माना जाता है. डिजिटल साक्ष्य का मतलब किसी भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में मौजूद जानकारी होता है, जैसे कि ईमेल, टेक्स्ट मैसेज, फोटो, वीडियो आदि. भारत में डिजिटल साक्ष्य को इलेक्ट्रॉनिक्स अधिनियम, 2000 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के तहत मान्यता प्राप्त है.
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क्या है इलेक्ट्रॉनिक्स अधिनियम?
यह अधिनियम इलेक्ट्रॉनिक रूप में किए गए लेनदेन को मान्यता देता है. इसके मुताबिक, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को कानूनी दस्तावेज माना जा सकता है, बशर्ते कि उसे सही तरीके से संग्रहित किया गया हो और उसे किसी भी तरह से छेड़ा न गया हो.
क्या है भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872?
यह अधिनियम साक्ष्य के अलग–अलग रूपों को परिभाषित करता है. इसके मुताबिक, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को साक्ष्य के रूप में पेश किया जा सकता है, बस शर्त ये है कि यह प्रासंगिक हो और उसे उचित तरीके से प्रमाणित किया गया हो.
व्हाट्सएप चैट को कानूनी रूप से मान्य बनाने के लिए क्या करना चाहिए?
बता दें व्हाट्सएप चैट को सुरक्षित रूप से सैव करना बहुत जरुरी है. चैट को किसी भी तरह से छेड़ा नहीं जाना चाहिए. इसके अलावा यदि व्हाट्सएप चैट को अदालत में पेश किया जाता है, तो इसे प्रमाणित करना जरुरी होगा. इसके लिए चैट के स्क्रीनशॉट लेने और उन्हें समय और तारीख के साथ चिह्नित करना जरुरी होता है. व्हाट्सएप चैट को अक्सर अन्य सबूतों के साथ मिलान किया जाता है, जैसे कि बैंक स्टेटमेंट्स, ईमेल आदि. बड़े मामलों में जटिल मामलों में, अदालत किसी विशेषज्ञ की राय ले सकती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्हाट्सएप चैट प्रामाणिक है.
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