- आपात सेवा 112 के पुलिस की करतूत जानकर आप भी रह जाएंगे दंग, सूचक से की मारपीट और गोपनीयता नियम का किया उल्लंघन
- पीड़ित पत्रकार प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु एससी-एसटी थाना एवं गंगोर थाना का लगा रहे हैं चक्कर, किया जा रहा है टाल मटोल
- एसपी को दिया आवेदन, कार्रवाई हेतु लगाई गुहार
खगड़िया सदर : सर्व विदित है कि, 112 एकल आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर है जिस पर सभी तरह की आपात स्थिति में आपातकालीन सेवा या सहायता के लिए कॉल किया जा सकता है, यह नंबर भारत सरकार ने दिया है और पूरे देश में उपलब्ध है। लेकिन आपात सेवा 112 के पुलिस की करतूत जानकर आप भी दंग रह जाएंगे, आपात सेवा के पुलिस बल ने सूचक के साथ ही जाति सूचक गाली गलौज व मारपीट के साथ-साथ गोपनीयता नियम का उल्लंघन भी किया है।
जी हाँ , घटना 28 अक्टूबर 2024 की रात्रि के 10 बजकर 35 मिनट की है , जब आपात सेवा 112 के पुलिस के द्वारा एक सूचक व पत्रकार के साथ मारपीट व जाति सूचक गाली-गलौज किया जाता है। घटना खगड़िया सदर प्रखण्ड के गंगौर थानांतर्गत बेला सिमरी पंचायत की है।
चलिए, विस्तार से बताते हैं (पीड़ित युवक व बिहार दैनिक के पत्रकार अविनाश कुमार पासवान उर्फ अविनाश भास्कर की जुबानी) गंगोर थानान्तर्गत 112 आपात सेवा के वाहन चालक के द्वारा शराब में धुत्त होकर मेरे साथ जाति सूचक गाली-ग्लौज कर मार पीट कर अपमानित किया गया है। कारण यह है कि मेरे घर के आस-पास विगत 8 दिनों से 7 लाऊडस्पीकर देर रात तक तेज ध्वनि में बजता था जिससे आसपास के छात्रों को पढ़ने एवं आम लोगों को सोने में कठिनाईयों होती थी, जिसकी सूचना हमने 112 पर कॉल करके दिया था।
पीड़ित पत्रकार अविनाश कुमार पासवान उर्फ अविनाश भास्कर ने आगे बताया कि उपरवर्णित समस्या को लेकर दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को लगभग 10 बजे रात्री में आपात सेवा के नम्बर 112 पर फोन पर शिकायत दर्ज कराया था, रात्रि के 10:30 बजे मोबाइल नम्बर 9031020150 से मेरे नम्बर पर एक कॉल आया, कॉल रिसिव करने के बाद पता चला के यह नम्बर आपात सेवा के किसी पुलिस बल का है, फोन पर कहा कि चलो दिखाओ लाऊडस्पीकर कहाँ बजता है, हमने कहा कि मोहन झा (बेला सिमरी) के घर के निकट तीव्र आवाज में लाउडस्पीकर बज रहा है, आपको भी सुनाई दे रहा होगा, उसके बाद मुझे बेला सिमरी पुरानी कचहरी पर बुलाया गया, जब मैं बेला सिमरी पुरानी कचहरी पर पहुँचा तो आपात सेवा की गाड़ी वहाँ लगी थी, जिसका चालक ने मेरा नाम पूछा तो मैंने अपना नाम अविनाश पासवान बताया, तभी चालक ने मेरा कॉलर झटके से पकड़ लिया, कहा कि साला दूसाध झूठ बोलता है, कहाँ कहीं लाउडस्पीकर बज रहा है, हमने कहा सर कॉलर छोड़िये, गाली मत दीजिये, तीव्र आवाज तो सुन ही रहे हैं, तभी उसने मेरे गाल कनपटी पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया, जिससे मेरे कान एवं सिर में काफी चोट लगी है, कान से खून बहने लगा, सिर में टेटर हो गया। कान व सिर में काफी दर्द है। जब मैं फोन लगाने लगा तो मेरा मोबाईल छीनकर सड़क पर पटक दिया, जो बुरी तरीके से फूट चुका है। इस पूरी घटना के दौरान मेरे साथ राम सोगारथ पासवान पिता नारायण पासवान साकिन बेला सिमरी थाना जिला खगड़िया मेरे साथ मौजूद था। मैं इलाजरत हूं , एक कान से सुनने में दिक्कत होती है। चिकित्सक ने सिटी स्कैन कराने एवं कान के वरिष्ठ चिकित्सक से दिखाने को सलाह दी है।
आपको बतादें के अगर इस तरह की सूचना यदि किसी सूचक के द्वारा दिया जाता है तो सूचक का नाम गोपनीय रखने का प्रावधान है किंतु पुलिस लाऊडस्पीकर बजाने वाले के समक्ष ले जाकर लड़ाई लगाने का प्रयास किया। जबकि डी०जे० एवं रात्रि में तेज आवाज में बजाने वाली लाऊडस्पीकर पर प्रतिबंध है।
हद तो तब हो गई जब पीड़ित पत्रकार अविनाश पासवान उर्फ अविनाश भास्कर इस घटना की प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु एससी-एसटी थाना खगड़िया गए तो प्राथमिकी दर्ज कर लेने का आश्वासन दिया गया, लेकिन दिनाँक 01 नवम्बर 2024 को एससी एसटी थाना खगड़िया के द्वारा अविनाश पासवान को गंगौर थाना बुलाया गया और मामला को रफा दफा करने का दबाव बनाया गया और धमकाया भी गया कि पुलिस भी तुम्हारे ऊपर प्राथमिकी दर्ज करेगी।
इधर, अविनाश भास्कर ने बिहार दैनिक को बताया कि अगर उक्त वाहन चालक के ऊपर एससी एसटी थाना के द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जाता है , कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है तो उच्च स्तरीय दरवाजा खटखटाने एवं वरीय पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई जाएगी तथा सभी पत्रकार व समाजसेवी आंदोलन करने को विवश होंगे।