गया/जहानाबाद : बिहार में जहां एक तरफ मौसम ने ठंड का एहसास कराना शुरू कर दिया है वहीं दूसरी तरफ बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में ठंड में भी गर्मी का एहसास हो रहा है. चूंकि बेलागंज सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है. इसे लेकर यहां पर सारी राजनीतिक पार्टियां पूरी ताकत झोंकने में जुट गई है. जेडीयू प्रत्याशी मनोरमा देवी के लिए पार्टी के सभी बड़े नेता बेलागंज में कैंप कर रहे हैं. वहीं, 34 साल का किला सुरक्षित रखने के लिए राजद नेता और जहानाबाद सांसद सुरेंद्र यादव जमीन पर उतरकर काम रहे हैं. इधर, पहली बार चुनाव में उतरी जन सुराज पार्टी भी जीत में कोई कसर न छूटे, इसके लिए पसीने बहा रही है. खुद प्रशांत किशोर अपनी पार्टी के प्रत्याशी के लिए लगातार रैलियां कर रहे हैं.
हालांकि, इन सबके बीच अब फैसला जनता को करना है. इस बार जनता का मिजाज क्या है? जनता का मूड भांपने के लिए Local 18 की टीम बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में लगातार घूम रही है और जनता की राय ले रही है. इस बार Local 18 की टीम बेला विधानसभा क्षेत्र के खनेटा गांव पहुंची, जहां जनता से कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान यहां पर विकास का मुद्दा हावी था. लोगों का कहना कि यहां पर सड़क नाला की समस्या तो है है, इसके इतर यहां विद्यालय की सुविधा अच्छी नहीं है. इस वजह से बच्चों को पढ़ाई में काफी परेशानी होती है. 34 साल तक सुरेंद्र यादव यहां के विधायक रहे, लेकिन यहां पर विकास बहुत कम हुआ.
इस सीट पर होगा तगड़ा मुकाबला
स्थानीय धीरज कुमार बताते हैं कि यहां इस बार हवा बदली बदली सी है. सुरेंद्र यादव का किला ढह जाएगा. इनसे नाराज हैं. 35 साल तक वे विधायक रहे, लेकिन कोई काम इन्होंने नहीं किया है. जब जनता से यह सवाल पूछा गया कि सुरेंद्र यादव इतने लंबे समय तक कैसे विधायक बने रहे तो इस पर जनता ने कहा कि पैसे के बलबूते पर वह जीत रहे थे. पैसे देकर वोट खरीदते थे. इस बार जबरदस्त कांटेस्ट होने वाला है. दोनों तरफ की पार्टियां चाहे राजद हो या जेडीयू तगड़ा कॉन्टेस्ट होने वाला है. ऐसा प्रत्याशी नहीं रहने के चलते जीत रहे थे. वहीं, राजू कुमार कहते हैं कि सुरेंद्र यादव को पटखनी देने वाला जोड़ा मिल गया है.
‘यहां से उच्च विद्यालय दूसरे जगह किया गया शिफ्ट’
उन्होंने आगे कहा कि हमारे गांव में कुछ विकास नहीं हुआ है. यहां तो सड़क पर पानी बह रहा है. शिक्षा के सवाल पर तो राजू भड़क गए और कहा कि स्कूल कहां है यहां? यहां से स्कूल को बाहर भेज दिया गया. यहीं उच्च विद्यालय बनना था, लाइन के उस पार विधायक जी लेकर चले गए. मुख्यमंत्री की योजना थी कि जिस पंचायत में रहेगा वहीं उच्च विद्यालय बनेगा, लेकिन उसे बिना पंचायत वाले गांव में लेकर चले गए. यहां 5 हजार की आबादी है और यहीं पर उच्च विद्यालय नहीं बन पाया. हरेंद्र कुमार बताते हैं कि हम खेती बारी करते हैं. सिंचाई की सुविधा के सवाल पर बताया कि यहां पर वो तो ठीक है. हमारे यहां कुशवाहा, बढ़ई, यादव समाज की बहुलता है.
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FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 08:04 IST