जहानाबाद : सहकारिता की मदद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है. इसके लिए तरह तरह की योजनाएं चला रही है. इन्हीं योजनाओं में से एक पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण सहकारिता समिति) को पहले से ज्यादा सक्रिय करने पर बल दिया जा रहा है. यह एक ऐसी सहकारी समिति है, जहां पर किसानों को सस्ते ब्याज पर खाद, बीज, दवाइयां उपलब्ध करवाती है. अभी रबी सीजन की बुआई चल रही है और किसानों को बीज, खाद की जरूरत होती है. ऐसे में उन किसानों को पैक्स से जब खाद खरीदते हैं तो कितनी कीमत लगती है और जब मार्केट से किसी खाद की दुकान से फर्टिलाइजर खरीदते हैं उस दौरान कीमत क्या कुछ लगता है, इस पर Local 18 की टीम जहानाबाद जिले के घोसी प्रखंड में कुछ किसानों से बात की.
रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और कई फसलों की बुआई हो रही है. गेहूं की बुआई शुरू होने वाली है. फसल की अच्छी उपज के लिए खाद जरूरी हो जाता है. अक्सर किसान अपने खेतों में डीएपी और यूरिया फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं. इन किसानों से जब लोकल 18 ने बात की तो यहां के किसानों ने सारी खाद की कीमत को लेकर सच्चाई बता दी.
किसान सियाराम शर्मा ने कहा कि कई सालों से धान, गेहूं, मसूर और चना की खेती कर रहे हैं. खाद की बाजारी कीमत और पैक्स की कीमत के बारे में उन्होंने बताया कि डीएपी जब आप पैक्स के जरिए खरीदेंगे तो आपको सिर्फ 1200 रुपए लगते हैं वहीं, अगर खाद दुकान से खरीदते हैं तो उसमें हमें कभी 1500, 1600 रुपए तक कीमत चुकानी पड़ती है. वहीं बात करें यूरिया खाद की तो उसका पैक्स की कीमत 270 रुपए है वहीं, जब बाजार में खरीदते हैं तो 300 रुपए से ज्यादा दाम देना पड़ता है.
पैक्स और दुकान से खाद खरीदने पर कीमत में अंतर
वहीं, एक अन्य किसान राजिंदर शर्मा बताते हैं कि हम खाद बाजार से खरीदते हैं. क्योंकि पैक्स का लाभ बहुत कम मिल पाता है. जब हम बाजार से खाद खरीदते हैं तो हमें डीएपी में टाटा पारस ओरिजिनल खरीदते हैं तो 1550 रुपए लगते हैं, इसके अलावा कोई खाद 1400 रुपए तो कोई खाद की कीमत 1500 रुपए तक होती है. पैक्स में यूरिया 270 रुपए में ही मिल जाती है. वहीं, दूसरे जगह से जब खरीदते हैं तो इसकी कीमत ज्यादा हो जाती है. हमलोग को अगर पैक्स से खाद मिल जाए तो काफी बचत हो सकती है. साथ ही गुणवत्ता भी अच्छी रहेगी. वहीं, एक और किसान ने बताया कि पैक्स और खाद दुकान से खाद खरीदने पर कीमत में बहुत अंतर पड़ जाता है.
‘पैक्स से खाद लेने पर सस्ते दरों पर मिल जाता’
किसान बैद्यनाथ प्रसाद ने बताया कि हम करीब साढ़े 8 बीघा जमीन पर खेत कर रहे हैं. धान, गेहूं के साथ कई फसल उगाते हैं. हालांकि, अब तक इतनी जमीन पर खेती करने के बाद भी हमलोगों को पैक्स का लाभ नहीं मिला है. जबकि पैक्स की सुविधा सरकार ने किसानों के हित के लिए ही दी है. हम डीएपी 1600 रुपए बोरा खरीदते हैं. वहीं, यूरिया 320 रुपए बोरा खरीदते हैं. हालांकि, यही खाद जब हमें पैक्स से मिल जाए तो डीएपी 200 रुपए से ज्यादा और यूरिया पर 50 रुपए तक की बचत हो जाएगी. किसान अरविंद शर्मा ने कहा कि पैक्स का लाभ अब तक नहीं लिया है. हालांकि, इतना है कि पैक्स से खाद लेने पर सस्ते दरों पर मिल जाता है, जबकि अन्य दुकान से खरीदने पर ज्यादा कीमत चुकाना पड़ता है.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 18:17 IST