दिहाड़ी : अयोध्या से जनकपुर के लिए 500 बारातियों की फौजी बारातें निकली हैं। 6 दिसंबर को प्रभु श्रीराम और जानकी का विवाह मिथिला (जनकपुर) में बड़े पैमाने पर हर्षोलस के साथ मनाया जाएगा। इस अनोखे कार्यक्रम में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न समेत 500 बाराती जनकपुर की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। बारात का मार्ग बिहार के विभिन्न स्थानों से गुजर रहा है और 1 दिसंबर को यह अहिल्यास्थान हुआ जिसमें बारातियों के भोजन और रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई।
पाग डुपट्टा से स्वागत और मिथिला शायरों के अनुसार खान पान की तैयारी हो रही है, जिसमें तिलकोर, खमहौर तरुआ, मखाना खेड और मिथिला का भव्य भोजन उपलब्ध होगा। बता दें कि अयोध्या से जनकपुर जाने की यह परंपरा 2004 से फिर शुरू हुई है जो हर 5 साल में आखिरी बार 2019 में हुई है और अब 2024 में एक बार बारात का स्वागत विवाह पंचमी के दिन मिथिला (जनकपुर) में बारातियों का स्वागत किया जाएगा। . आज भी मछुआरों के अलग-अलग स्थानों में से एक हैं, जो भी स्थान रामायण काल से यात्रा करते हैं। बेनीपट्टी में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न चारों ओर भाई के धारणकर आए बारातियों का मिथिला के पारंपरिक भोजन से स्वागत किया गया। यह अवसर पूरे बेनीपट्टी क्षेत्र में उत्सव का माहौल बना रहा।
स्थानीय लोगों और बड़ी संख्या में इस भव्य दृश्य को देखने के लिए यहां क्लिक करें। बेनीपट्टी का माहौल राममय हो गया था और भक्तों ने भजन-कीर्तन कर मोहरा को और भी पवित्र और हर्षोल्लास समय बना दिया। चारों ओर रामधुन गूंज रही थी और समर्थकों के जयकारे से वातावरण गूंज उठा।
इस कार्यक्रम की भव्यता और जोश ने बेनीपट्टी के लोगों से शिकायत की। मिथिला की इस परंपरा ने यहां के लोगों की छुट्टियों को अयोध्या और जनकपुर के बीच के पवित्र रिश्ते को और भी गहरा कर दिया है। बेनीपट्टी के क्षेत्र ने बरातियों का स्वागत कर इस पवित्र अवसर को अविस्मानीय बना दिया।
अयोध्या से बाहर बारात के अगले निरीक्षण जनपुर की ओर से होने वाली घटना में बेनीपट्टी के लोगों की खुशी और गर्व को देखना बेहद हर्ष का विषय है। इस परंपरा में मिथिला की संस्कृति और उसकी समृद्ध जड़ी-बूटियों को पुनर्जीवित किया गया है, आने वाली संपत्ति को अपनी संस्कृति और गहराई से गौरवान्वित महसूस कराया जाएगा।
इस बारात का समापन 6 दिसंबर को जनकपुर में भगवान श्रीराम और देवी जानकी के भव्य विवाह समारोह के साथ होगा, जहां एक बार फिर अयोध्या और मिथिला के बीच इस पवित्र बंधन को श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया जाएगा।
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पहले प्रकाशित : 2 दिसंबर, 2024, 18:05 IST