व्युत्पत्ति:– सनातन धर्म में शालिग्राम पत्थर का खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस पत्थर में साक्षात नारायण का वास होता है, जो नेपाल की अस्थाना नदी में मिलता है। यही वसीयत है कि वहां से अयोध्या में रामलाल की मूर्ति बनाई गई, जो आज अयोध्या में है। जिसमें से एक पत्थर जनकेपुर में रखा हुआ है, जो जानकी भवन के ठीक बगल में है। इसके ठीक बगल में 12 ज्योतिर्लिंग आपको मिल जाएंगे।
इसी पत्थर को अयोध्या भेजा गया था
माना जाता है कि यहां एक लोटा जल चढ़ाने से आपके सभी पापों का नाश हो जाता है और आपका मूड ठीक हो जाता है। इस शालिग्राम पत्थर को देखकर कुछ लोगों से जब लोकल 18 ने बात की तो उन्होंने बताया कि ये शालिग्राम पत्थर है, जो आपके लिए खास है। यह कोई सीमांत पत्थर नहीं है, इसके अंदर साक्षात् भगवान नारायण का वास होता है। तब तक नेपाल से इस शालिग्राम पत्थर को अयोध्या भेजा गया था, जहां प्रभु श्री राम की मूर्ति बनाई गई थी, जो आज अयोध्या में रामलाल की मूर्ति स्थापित है।
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यहां है ये खास पत्थर
यह पत्थर नेपाल के अलास्का नदी से ही है। कुछ शिष्यों ने लोकल 18 को बताया कि यहां शिष्यों के दिल से छूट गई हर मुक़े पूरी होती है। जो यहां के स्थानीय लोग हैं, उनका कहना है कि यहां कोई भी काम करने से पहले या किसी भी खास काम के लिए घर से पहले माता जानकी का नाम जरूरी तौर पर लिया जाता है। आम पत्थर की तुलना में आप इस पत्थर को देखेंगे, तो बिल्कुल अलग आपको समझ आएगा। यह पत्थर काफी आकर्षक होता है। वहीं शालिग्राम पत्थर के बगल में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंग भी आपके लिए बेहद खास है। बताया जाता है कि यहां जल चढ़ाने से लेकर भक्तों की मन्नत पूरी होती है।
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पहले प्रकाशित : 7 दिसंबर, 2024, 09:08 IST