राष्ट्रीय : 19 दिन से उपवास पर बैठे दिग्गज किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि जो किसान “सरकार के गलत किसानों” के कारण आत्महत्या कर रहे हैं, उनका जीवन सबसे ज्यादा मूल्यवान है।
डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट की चिंता को स्वीकार करते हुए कहा, “मेरी जिंदगी लाखों भारतीय किसानों की जिंदगी से ज्यादा कीमती नहीं है। पिछले 25 दशकों में 5 लाख से ज्यादा किसानों ने कृषि क्षेत्र में संकट के कारण आत्महत्या की है। यह सिर्फ इतना है कि स्वामीनाथन आयोग की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को वैधानिक रूप से वैध बनाने का उपाय है।
डल्लेवाल ने सरकार को दी चेतावनी
डल्लेवाल ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केवल पंजाब और हरियाणा के स्टेट रिजर्व को मेडिकल केयर प्रदान करने का निर्देश दिया है, इसलिए किसी भी राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की गलत व्याख्या करके उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अगर किसी सरकार ने मुझे अस्पताल ले जाने के लिए बल प्रयोग किया तो इससे किसानों में गुस्सा और आक्रोश और किसी भी महान घटना की जिम्मेदारी उसी सरकार की होगी। ऐसी ग़लती किसी को भी सरकार को नहीं करनी चाहिए।
डॉक्टर ने अस्पताल में होने वाली भर्ती की दी सलाह
70 साल के जगजीत सिंह दल्लेवाल जो स्वयं कैंसर के मरीज हैं, 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के खानौरी सीमा पर हैं। उनकी मुख्य मांग केंद्र सरकार की ओर से पार्टनरशिप की कानूनी स्थापना है। दार्शनिकों ने अपनी चमत्कारी स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती की वकालत की है, लेकिन दल्लेवाल अपने संकल्प पर अडिग हैं।