जमुई : एक कहावत है तुम डार-डार तो हम पात पात बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने हेतु सरकार या विभाग चाहे जो भी कदम उथले लेकिन कुछ शिक्षक उसमें से भी लूप होल धुंध ही ले रहे हैं, बिहार के सरकारी विद्यालयों में अटेंडेन्स को लेकर अपने कई तरह के मामले देखे होंगे लेकिन एक नया मामला बेहद चौक देने वाला है, अब दूसरे राज्यों से भी स बिहार के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षा अपनी हाजरी बना रहे हैं।
कब सुधरेगा ई-शिक्षा कोष का लूप होल
उत्तर प्रदेश से बनाई जा रही बिहार के विद्यालयों की हाजरी, जी हाँ उत्तरप्रदेश समेत अन्य जगहों से जमुई स्थित विद्यालयों की हाजरी बनाई जा रही है, बहुत ही चौक देने वाला मामला सामने आया है जिससे सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है। विभाग हर दिन के ई-शिक्षा कोष एप्लिकेशन के लूप होल को सुधारने के प्रयाश में जुटी है ताकि शिक्षक सही समय से स्कूल पहुचे और शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो लेकिन बिहार के कुछ शिक्षक विभाग और ई-शिक्षा कोष एप्प से दो कदम आगे निकल जा रहे हैं, कभी फोटो से फोटो लेकर हाजरी तो कभी किसी अन्य लोकेसन से हाजरी बनाकर ई-शिक्षाकोश को चुनौती देकर स्कूल से समय से पहले फरार हो रहे थे।
मोबाइल को फ्लाइट मोड में डालकर बनाई जाती है हाजरी
अब ई-शिक्षाकोश के नए लूप होल ने विभाग के लिए एक नई चुनौती पेश कर दी है जिसके तहत मोबाइल को फ्लाइट मोड में डालकर मूल विद्यालय से काफी दूर रहकर भी शिक्षक हाजरी बना रहे हैं। कुछ शिक्षकों ने अपना नाम जाहिर नही होने के शर्त पर बताया की मोबाइल को फ्लाइट मोड़ में डालकर विद्यालय से हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी हाजरी बनाई जा सकती है। हालांकि अबतक मामले की आधिकारिक पुष्टि नही हुई है।
यानी की मोबाइल को फ्लाइट मोड में दाल देने के बाद स्कूल के 500 मीटर के दायरे में रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जमुई के सोनो समेत अन्य प्रखंडों में ऐसे शिक्षकों की संख्या काफी है। इधर, शिक्षा विभाग लगातार ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति बनाने में धोखाधड़ी पकड़ रहा है। फोटो से फोटो खींच कर, दूसरे शिक्षक का फोटो, विद्यालय को फोटो डालकर हाजरी बनाई गई है।
इन शिक्षकों के नाम आए सामने
शिक्षा विभाग की रैंडमली जांच में ऐसा मामला फिर उजागर हुआ है। ताजा मामला सोनो प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय कर्माटांड से जुड़ा हुआ है। यहां के तीन शिक्षक-शिक्षकाओं से विभाग ने इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। इन शिक्षकों बबिता कुमारी, कृष्ण कन्हैया और मो० मुख्तार आलम का नाम शामिल है। शिक्षा विभाग (स्थापना) के डीपीओ पारस कुमार ने बताया है कि विभाग ने ई-शिक्षा कोष पर शिक्षकों की उपस्थिति का रैंडम जांच किया, जिससे यह मामला पकड़ में आया है।