शिक्षा व रोजगार : 70 वी BPSC प्रिलिम्स की सम्पूर्ण परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पिछले 16 दिसम्बर से सैकड़ों छात्र पटना के गर्दनीबाग में सत्याग्रह कर रहे हैं, लेकिन इनकी सुधि लेने वाला कोई नही है, दिनाँक 16 दिसम्बर 2024 से सत्यम कुमार नाम के एक छात्र सहित कुल 7 छात्र पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर भूख हड़ताल पर हैं, इनकी माँग है कि, बिहार लोक सेवा आयोग की 70 वी प्रारम्भिक परीक्षा को केवल बापु सभागार पटना के केन्द्र का ही रद्द न हो, बल्कि सम्पूर्ण बिहार के केंद्रों की परीक्षा रद्द की जाय।
धरनास्थल की कल दिनाँक 24 दिसम्बर की स्थिति यह थी कि, 7 अनसनकारियों में से 6 की हालत बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, वही सत्यम कुमार नामक अनसनकारी पिछली 16 तारीख से लगातार भूख हड़ताल पर हैं और उनकी हालत भी काफी नाजुक हो गई है। सम्भावना व्यक्त की जा रही है की अगर उनकी भूख हड़ताल तुड़वाई नही गई तो उनकी जान भी जा सकती है, अब सवाल उठता है कि, अगर छात्र की मृत्यु हो जाती है तो उसके मौंत का जिम्मेदार कौन होगा, जिला प्रशासन, सरकार या फिर BPSC?
आपको द लल्लनटोप यूट्यूब चैनल की दो हृदय विदारक वीडियो दिखाता हूँ, पहले वीडियो में देखेंगे की पुनर्परीक्षा को लेकर एक छात्र ने कैसे आत्महत्या कर ली और दूसरे वीडियो में आप देखेंगे की कैसे छात्र का सत्याग्रह धीरे-धीरे खतरनाक मोड़ ले रहा है।
वीडियो 1
वीडियो 2
आपको बतादें कि, यह आंदोलन उस वक्त शुरू हुआ था, जब 70 वी BPSC प्रिलिम्स की परीक्षा सिर्फ पटना के बापू सभागार के 12 हजार छात्रों के लिए रद्द कर दिया गया था, आयोग ने अपना पक्ष रखा की दिनाँक 13 दिसम्बर 2024 को आयोजित BPSC प्रिलिम्स की परीक्षा के दौरान पटना के बापू सभागार परीक्षा केन्द्र में कुछ छात्रों के द्वारा परीक्षा का सफल संचालन नही होने दिया गया, बिहार के बाँकी सभी 911 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण और कदाचाररहित सम्पन्न हुआ, अतः आयोग ने कहा कि, पटना के बापू सभागार केंद्र की परीक्षा रद्द की जाती है, बिहार के अन्य सभी 911 परीक्षा केंद्रों की परीक्षा रद्द नही होगी। इसी को लेकर पटना के गर्दनीबाग में सैकड़ों छात्र, बिहार के तमाम 912 केंद्रों की परीक्षा रद्द करने की माँग को लेकर छात्र सत्याग्रह व भूख हड़ताल पर बैठ गए।
इससे पहले दिनाँक 13 दिसम्बर 2024 को बिहार लोक सेवा आयोग की एकीकृत 70वी संयुक्त प्रारम्भिक परीक्षा हेतु सूबे के 36 जिलों में कुल 912 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे और इसमें कुल 3 लाख 24 हजार 298 छात्र परीक्षा में शामिल थे। पटना का बापू सभागार परीक्षा केंद्र जो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अधीनस्थ एक मुख्य केंद्र है ऐसा माना जाता है की यह केन्द्र एशिया का सबसे बड़ा परीक्षा केन्द्रों में से एक है, जहाँ 12 हजार अभ्यर्थियों के एक साथ परीक्षा देने की व्यवस्था है। इसमें भी BPSC के द्वारा परीक्षा केंद्र बनाया गया था जिसमें से 9 हजार 969 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इस परीक्षा केंद्र पर कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि प्रश्नपत्र देरी से बांटा गया, जो पेपर छात्रों को मिला उसकी भी सील पहले से टूटी हुई थी, इसके बाद कुछ अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया, कुछ अभ्यर्थी विरोध में परीक्षा खत्म होने के बाद क्वेश्चन पेपर के साथ OMR शीट भी लेकर केंद्र से बाहर आ गए, हंगामा ने उपद्रव का रूप ले लिया, कई छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया, बाद में जिला प्रशासन के द्वारा हंगामा को शान्त किया गया, जिसमें पटना के जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने एक छात्र को थप्पड़ भी मारा जो सोसल मीडिया पर वायरल हो गया, कही कहीं तो उन्हें थप्परबाज डीएम तक कह दिया गया।
इस बीच BPSC की तैयारी कर रहे छात्र लगातार पूरे बिहार की परीक्षा को रद्द किये जाने की मांग पर डटे रहे, दिनाँक 16 दिसम्बर से पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर छात्रों की भीड़ इकठ्ठा हो गई और फिर बिहार के सभी केन्द्रों की परीक्षा रद्द करने की माँग को लेकर छात्र सत्याग्रह शुरू हो गया जो आज तक जारी है, इघर बिहार लोक सेवा आयोग ने दिनाँक 24 दिसम्बर को बापु सभागार के छात्रों की रद्द परीक्षा के एवज में पुनर्परीक्षा की तिथि भी जारी कर दी, जो आगामी 4 दिसम्बर 2025 को होनी है, परीक्षा की तिथि जारी किए जाने से छात्रों में असंतोष और बढ़ गया है। मेरा व्यक्तिगत विचार है की, सरकार और BPSC के चेयरमैन को, बीच का रास्ता निकालने हेतु अनसनकारी छात्रों से बात करनी चाहिए, क्योंकि किसी के जान की कीमत हर कीमत से बड़ी हो सकती है।
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