शिक्षा व रोजगार : बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के लिए ऑनलाइन हाजरी इ-शिक्षा कोष एप्लिकेशन के माध्यम से बनाने का नियम अक्टूबर 2024 से विधिवत लागू और अनिवार्य कर दिया गया था, उससे पहले इस एप्लिकेशन का तीन महीने तक ट्रायल चला था, उस दौरान एप्लिकेशन में होने वाली खामियों में सुधार कर विभाग ने अपने आपको आस्वस्त कर, दावा किया था कि अब इस एप्लिकेशन में कोई खामी या लूप होल नही बचा है, लेकिन सरकार के यदि दावे हाल के कुछ महीने में गलत साबित हो गए, शिक्षकों ने बड़ी ही आसानी से इस एप्लिकेशन के लूप होल का फायदा उठा कर विद्यालय से दूर रहकर अपनी ऑनलाइन हाजरी बनाई, जबकि एप्लिकेशन के अनुसार विद्यालय परिसर या विद्यालय के 500 मीटर के दायरे में रहकर हाजरी बन सकती थी, यहाँ तक कि शिक्षकों ने फोटो से हाजरी, मोबाइल को फ़्लाइट मोड में डालकर हाजरी बनाई।
अब विभाग के कान खड़े हो गए हैं और ई-शिक्षाकोष ऐप पर ऑनलाइन हाजिरी में गड़बड़ी पकड़ी जानी शुरू हुई है। विभाग ने जाँच के उपरांत कहा है कि, कई शिक्षक एक ही फोटो बार-बार अपलोड करके हाजिरी लगा रहे थे। अब शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है। ताजा मामला बिहार के बेतिया जिले का है जहाँ विभाग के अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं।
खेत से से बनाई जा रही है ऑनलाइन हाजरी
बिहार के लगभग सभी जिलों में ऑनलाइन हाजरी में गड़बड़ी की शिकायत है, लेकिन बेतिया जिले में ऑनलाइन हाजिरी की धांधली चरम पर है। कई शिक्षक एक ही फोटो को कई दिनों तक अपलोड कर रहे हैं। यह खुलासा तब हुआ जब शिक्षा विभाग ने हाजिरी के डेटा का विश्लेषण किया। कुछ शिक्षकों ने तो स्कूल परिसर से बाहर खेत या अन्य जगहों से फोटो अपलोड किए हैं। यह साफ दिखाता है कि वे स्कूल में मौजूद नहीं थे। शिक्षा विभाग ने इस गड़बड़ी को गंभीरता से लिया है,
खेतों से फोटो अपलोड होने का यह मतलब भी नही है की वे विद्यालय के 500 मीटर के दायरे में नही थे
कुछ जानकारों ने बताया कि, खेतों से, विद्यालय के बाहर से हाजरी बनाने का सिर्फ यही मतलब नही हो सकता है की वे विद्यालय में नही थे, बल्कि बहुत सारे ऐसे भी विद्यालय हैं जहाँ विद्यालय परिसर में विद्यालय का लोकेसन नही आ रहा है और हाजरी नही बन पा रही है जबकि विद्यालय के बाहर विद्यालय का लोकेसन आ जाता है, और हाजरी बन जाती है, जिस कारण कुछ विद्यालयों के शिक्षक विद्यालय से बाहर जाकर ऑनलाइन हाजरी बनाने को मजबूर हैं, कई जगह विद्यालय परिसर में नेटवर्क नही आने की वजह से भी वे विद्यालय परिसर से बाहर जाकर हाजरी बनाने को मजबूर हैं, लेकिन ऐसा कम ही विद्यालय होगा जहाँ इस तरह की समस्या हो।
जाँच के दिये गए आदेश
विभाग के अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को स्कूल परिसर के 500 मीटर के अंदर से ही लाइव फोटो अपलोड करना होता है। लेकिन कई शिक्षक इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। विभाग ने पाया कि कुछ शिक्षकों ने एक ही फोटो बार-बार अपलोड किया है। इससे साफ है कि वे स्कूल में मौजूद नहीं थे और किसी और ने उनकी जगह हाजिरी लगाई है।
दोषी शिक्षक हो सकते हैं बर्खास्त
अब विभाग काफी सख्त दिखाई दे रही है और इस मामले में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। दोषी पाए जाने वाले शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त तक किया जा सकता है। साथ ही, उनकी इस हरकत को उनकी सेवा पुस्तिका में भी दर्ज भी कराया जाएगा। विभाग ने स्कूलों के निरीक्षण अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले पर नज़र रखें और समय-समय पर रिपोर्ट दें। अगर निरीक्षण अधिकारी लापरवाही बरतते हैं तो उन पर भी कार्रवाई होगी। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
गलत फायदा उठाने वाले पर होगी सख्त कार्रवाई
बिहार दैनिक को वेतिया जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने बताया कि सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और निरीक्षण अधिकारियों को विभाग के सख्त निर्देशों से अवगत करा दिया गया है। उन्हें जाँच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने इस पर सख्त रुख अपनाया है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। इससे शिक्षकों को भी एक संदेश जाएगा कि वे अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते। ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली को पारदर्शी बनाने और शिक्षकों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया था, लेकिन कुछ शिक्षकों ने इसका गलत फायदा उठाने की कोशिश की, उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन यही तरीके से करनी चाहिए।