- शोषित पीड़ित वंचित गरीब उपेक्षितों का आवाज थे, जननायक कर्पूरी ठाकुर ऐसे महापुरुष को अपमानित करने वाले को जल्द गिरफ्तार करें – उमेश ठाकुर
- सर्वांगीण विकास व आरक्षण का कर्पूरी मॉडल पूरे देश में लागू हो – श्रवण ठाकुर
- कर्पूरी ठाकुर सच्चे अर्थों में जननायक, भारत रत्न, सरल सादगी संघर्ष ईमानदारी का प्रतिमूर्ति , आरक्षण का अग्रदूत , आम अवाम के आवाज थे। ऐसे महापुरुष का अपमान पूरे मानवता समाज का अपमान – किरणदेव यादव
खगड़िया सदर : भारतीय नाई समाज खगड़िया द्वारा जिला कार्यालय में भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी का 37 वीं पुण्यतिथि मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भारतीय नाई समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश ठाकुर, पंच सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष किरणदेव यादव, शोषित समाज संगठन के चंद्रशेखर मंडल , जिला अध्यक्ष श्रवण ठाकुर , जिला संरक्षक कालेश्वर ठाकुर , जिला संगठन मंत्री रंजन ठाकुर,जिला उपाध्यक्ष राम जी ठाकुर ,जिला सचिव सह प्रांतीय मीडिया प्रभारी पांडव कुमार, जिला कोषाध्यक्ष शम्भु कुमार, युवा जिला अध्यक्ष राकेश कुमार, सदर प्रखंड अध्यक्ष राजेश कुमार, बलराम ठाकुर, रंजीत ठाकुर, चंद्रशेखर मंडल, श्याम कुमार आदि द्वारा संयुक्त रूप से भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के तैल चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर कर श्रद्धांजलि दी गई
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष श्रवण ठाकुर , संचालन जिला जिला सचिव सह प्रांतीय मिडिया प्रभारी पांडव कुमार ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश ठाकुर ने कहा ने कपूरी ठाकुर के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के कपूरी ग्राम में व मृत्यु 17 फरवरी 1988 में हुआ था। वे दो बार मुख्यमंत्री, एक बार उप मुख्यमंत्री और दशकों विधायक और विरोधी दल का नेता भी रहे। एक बार समस्तीपुर का सांसद भी रहे लेकिन अपने लिए एक पक्का का मकान ना बना सके कोई ऐसा मुख्यमंत्री शायद ऐसा हो जो सादगीपूर्ण जीवन जिया हो।
कर्पूरी ठाकुर सादगी पूर्ण जीवन एवं उच्च विचार के प्रतिमूर्ति थे। वे मुख्यमंत्री पद पर रहकर केवल जनता की भलाई के लिए कार्य किये। उन्होंने कहा कर्पूरी ठाकुर ने गरीबो के विकाश के लिए आरक्षण के सवाल पर महत्वपूर्ण कार्य किये। आज ऐसे महापुरुष को सहरसा जिला व बेगूसराय जिला में अपमानित किया गया। जिस पर राज्य सरकार या केंद्र सरकार या उनकी पार्टी अभी तक न निंदा किये न कोई कार्यवाही कर रही।
बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष किरण देव यादव व शोषित समाज के चंद्रशेखर मंडल ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर सच्चे अर्थों में भारतरत्न, जननायक, झोपड़ी – गुदरी के लाल, सरल सादगी संघर्ष ईमानदारी का प्रतिमूर्ति, आरक्षण के अग्रदूत, समता मूलक समाज के संस्थापक, शोषित दलित पीड़ित वंचित उपेक्षित आम आवाम के प्रेरणास्रोत, मुख्यमंत्री थे।
उन्होंने कहा कि आरक्षण के कर्पूरी मॉडल पूरे देश में धरातल पर लागू करने की जरूरत है, इसके लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा वर्तमान सरकार में जगह जगह संविधान निर्माता अम्बेडकर जी व भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर को अपमान करने का कार्य किया जाना काफ़ी निंदनीय हैं।
जिलाध्यक्ष श्रवण ठाकुर ने कहा देश के आर्थिक विकास मे अहम भूमिका निभाने वाले समाजवादी पूर्व मुख्यमंत्री जन नायक कर्पूरी ठाकुर ने पद पर रहकर केवल जनता के लिए कार्य किये। आज जितनी भी राजनीति पार्टी है उनकी पूजा करते है पर उनके विचार व कार्य को सम्मान नही करते। केवल जयंती व पुण्यतिथि पर याद कर लेते हैं। पर अभी तक उनके फॉर्मूले को केंद्र स्तर पर लागु नहीं किया गया।
रामजी ठाकुर, गुड्डू ठाकुर, रंजन ठाकुर ने कहा कर्पूरी जी सरस और सरल हृदय के राजनेता माने जाते थे। सामाजिक रूप से पिछड़ा किंतु सेवा भाव के महान लक्ष्य को चरितार्थ करती नाई जाति मे जन्म लेने वाले इस महानायक ने राजनीति को भी जन सेवा की भावना के साथ जिया। उनकी सेवा भावना के कारण ही उन्हे जननायक कहा जाता हैं। वे सदा गरीबो के हक के लिए लड़ते रहें। लेकिन वर्तमान में उनको अपमानित करने वालों पर कार्यवाई न होना काफ़ी निंदनीय हैं.
प्रांतीय मिडिया प्रभारी पाण्डव कुमार ने कहा जन नायक कर्पूरी ठाकुर ने निःस्वार्थ भाव से केवल जनता के लिए कार्य किये। वे शोषित वंचितो की आवाज थे। आज सभी राजनीति दल केवल उनका नाम लेकर राजनीति लाभ ले रहे है। लेकिन उनके द्वारा किये गये कार्य को आगे नही बढ़ाया जा रहा । हमारी जाती काफी पिछड़ा हुआ अपने समाज के विकास के लिए एकता की आवश्यकता है एक जुट होकर अपने समाज के बच्चो का भविष्य उज्ज्वल कर सकते है ।साथ ही हम संगठन के माध्यम से नाई समाज के लिए कानूनी मदद व सरकार द्वारा सेवा मूल्य दर निर्धारित सहित प्रशिक्षण की व्यवस्था की मांग करते हैं। नाई समाज पर आए दिन हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में हमारी जातियां के रोजगार पर बुरा प्रभाव पर रहा है,नाई जाति भय में रोजगार कर रही हैं।
वर्तमान में सहरसा जिला में कर्पूरी चौक के नाम से शिलान्यास कर फिर उस जगह का नाम बदल देना व बेगूसराय में उनके प्रतिमा को अपमानित करना उनके सम्मान व पूरे मानवता को शर्मशार करती हैं फिर भी सता पक्ष राज्य व केंद्र सरकार द्वारा कोई निंदा न करना विचारणीय हैं।
वक्ताओं ने जननायक कर्पूरी ठाकुर जी जीवन व कार्य पर अपना विचार दिए। नाई समाज ने सरकार उनकी आरक्षण फॉर्मूले को केंद्र स्तर पर लागु करने, नाई जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग की गई । साथ ही सभी राजनीति पार्टी को साथ देने की अपील भी की गई।