पटना : ध्रुपद संगीत के सर्वश्रेष्ठ कलाकार पंडित रामकुमार मल्लिक का निधन हो गया। वह 73 साल के थे। दरभंगा के बहेड़ी गांव के आमता गांव में स्थित अपने प्रधान घर में शनिवार देर रात हृदय गति से रुकने से उन्होंने दम तोड़ दिया। इसी वर्ष उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अमता घराना के ध्रुपद संगीत के क्षेत्र में उन्होंने महारथ हासिल कर रखी थी। वह पंडित विदुर मल्लिक के पुत्र व शिष्य थे।
देश-विदेश के प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी गायिका का लोहा मनवाया
बताया जा रहा है कि धुपद संगीत में पंडित रामकुमार मल्लिक ने देश-विदेश के प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी गायकी का लोहा मनवाया। कई सम्मानों से अलंकृत थे। वर्ष 2024 में इन्हें पद्मश्री अलंकरण से नवाजा गया। वह अपने पीछे दो पुत्री रूबी, रिंकी, चार पुत्र संतोष, समित, साहित्य एवं संगीत मलिक को छोड़ गई। पंडितजी ने अपने सभी पुत्रों और शिष्यों को ध्रुपद गायकी के लिए तैयार किया। उनके निधन के बाद पूरे मिथिला में शोक की लहर नहीं है।