खगड़िया सदर : जिले के प्रखण्ड अन्तर्गत ग्राम पंचायत राज बेला सिमरी में स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टर सहित स्टाफ भी गायब दिखे और केन्द्र के बाहर से ताला लटकता दिखाई दिया। स्थानीय लोगों ने कहा है की अक्सर यही हालात इस अतिरिक्त अस्पताल में देखने को मिलता है।
डॉक्टर साहब कभी नही आते हैं और न हीं कोई स्टाफ ही देखने को मिलता है बस नाम मात्र का अस्पताल है और अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर बस खाका पूरा किया जा रहा है। अस्पताल की चाभी गाँव के ही गणमान्य लोगों के पास रहती है शायद अस्पताल के प्रधान या अस्पताल के स्टाफ से बीच उनका अच्छा तालमेल है। जिसकारण अस्पताल की चाभी उनके पास ही रहती है और वही अस्पताल का मालिक बने बैठे हैं।
आज समाजसेवी अविनाश भास्कर के साथ दर्जनों व्यक्ति जब अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बेला सिमरी पहुँचे तो दोपहर एक बजे तक अस्पताल के मुख्य द्वार पर ताला लटकता दिखाई पड़ा। अस्पताल के भीतर कोई भी स्टॉप नही था। वही एक ग्रामीण से जब बात की गई तो ग्रामीण ने बताया की ये एक दिन की बात नहीं है बल्कि प्रत्येक दिन ऐसा ही होता है कभी भी डॉक्टर या अन्य स्टाफ समय पर नहीं आते हैं जिससे लोगों को इलाज में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
बात सिर्फ अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र बेला सिमरी की ही नही है बगल के पंचायत रानी सकरपुर के अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र के हालात तो इससे भी बदतर है। कभी समय मिले तो दिन में जाकर देख सकते हैं और अगर स्वास्थ्य केंद्र रानी सकरपुर की वस्तुस्थिति से सचमुच में अवगत होना चाहते तो कभी रात्रि में जाकर देख सकते हैं कि अस्पताल के हालात कैसे हैं।
बात सिर्फ स्वास्थ्य, शिक्षा और रोगजार की ही नही है हर तरफ यही हाल है जिसको जहाँ अवसर मिल रहा है सब लूट रहे हैं और इसमें चैन सिस्टम काम करता है। नीचे से ऊपर की ओर….शायद आप समझ गए होंगे।