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कनाडा में खालिस्तान समर्थक पार्टी ने ट्रूडो का साथ छोड़ा:ढाई साल से गठबंधन था, चुनाव से एक साल पहले ही गिर सकती है सरकार

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कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के बीच गंठबंधन टूट गया है। CBC न्यूज के मुताबिक इससे अल्पमत वाली ट्रूडो सरकार पर संकट मंडराने लगा है। अब उन्हें सत्ता में बने रहने के लिए दूसरे दलों का समर्थन हासिल करना होगा। NDP के खालिस्तान समर्थक नेता जगमीत सिंह ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वह दोनों पार्टियों के बीच 2022 में हुए समझौते को तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लिबरल पार्टी व्यापारियों के आगे झुक गई है। वे बदलाव नहीं ला पा रहे हैं। NDP ने 2022 में ट्रूडो सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया था। NDP और लिबरल पार्टी के बीच हुआ समझौता ‘सप्लाई एंड कॉन्फिडेंस’ कहलाता था। समझौते के तहत NDP बिल पारित करने के दौरान लिबरल पार्टी का समर्थन करती थी। इसके बदले ट्रूडो सरकार NDP से जुड़ी नीतियां लागू करती थी। संसद में अल्पमत में आई ट्रूडो सरकार
जगमीत सिंह ने कहा कि पीएम ट्रूडो ने जनता को निराश किया है। वे अब एक और मौका पाने के लायक नहीं हैं। वे उनके साथ हुए समझौते को ‘रद्दी की टोकरी’ में फेंकने जा रहे हैं। संसद में ट्रूडो की पार्टी के पास 130 सीटें हैं। सत्ता में बने रहने के लिए पार्टी को 9 सीटें और चाहिए। अब तक 24 सीटों वाली NDP उसका समर्थन कर रही थी। बहुमत के लिए ट्रूडो की पार्टी को अब क्यूबेक पार्टी (32 सीटें) का साथ चाहिए होगा। विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के पास 119 सीटें हैं। सर्वे के मुताबिक अगर चुनाव होते हैं तो कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत मिल सकता है। इसलिए ट्रूडो सरकार के पास चुनाव को टालने की मजबूरी है। इस महीने शुरू होगा संसद सत्र, बहुमत साबित करने की चुनौती
रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रूडो सरकार पर अभी बहुमत साबित करने या फिर नए सिरे से चुनाव कराने का खतरा नहीं है लेकिन सरकार गिरने का जोखिम बना हुआ है। लिबरल पार्टी को बजट पारित करने और चुनाव टालने के लिए हाउस ऑफ कॉमन्स में अन्य विपक्षी दलों से समर्थन हासिल करना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक इस महीने के आखिर में संसद का सत्र शुरू होगा। अगर कोई पार्टी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करती है तो ट्रूडो सरकार को बहुमत साबित करना होगा। अगर ट्रूडो सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई तो अक्टूबर 2025 से पहले देश में चुनाव हो सकते हैं। जगमीत सिंह ने कहा कि वे इस महीने के आखिर में अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अगले चुनाव के लिए तैयार है। जगमीत सिंह को भारत ने वीजा नहीं दिया था
जगमीत सिंह 2017 से NDP के चीफ हैं। वे किसी कनाडाई पार्टी की कमान संभालने वाले पहले नेता हैं। उनका जन्म 1979 में कनाडा के ओंटारियो में हुआ था। उनके माता-पिता बेहतर जीवन की तलाश में पंजाब से कनाडा चले गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक जगमीत 2011 में संसद के सदस्य बने। जगमीत सिंह को 2013 में भारत ने वीजा देने से इनकार कर दिया था। उन पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने और कट्टरपंथियों के साथ संबंध रखने का आरोप था। वीजा रद्द होने के बाद जगमीत सिंह ने आरोप लगाया कि 1984 से सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों के लिए आवाज उठाने की वजह से सरकार उनसे नाराज थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें पंजाब में ‘सिख ऑफ द ईयर’ से सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था। कनाडाई वेबसाइट ग्लोब एंड मेल के मुताबिक जगमीत सिंह ने जून 2015 में खालिस्तान के समर्थन में सैन फ्रांसिस्को में एक रैली में भाग लिया था। उन्हें भिंडरावाला के पोस्टर के साथ मंच पर बोलते सुना गया। इस दौरान जगमीत ने भारत सरकार पर सिखों के नरसंहार का आरोप लगाया था। ये खबर भी पढ़ें… कनाडाई संसद में आतंकी निज्जर के लिए मौन रखा गया: भारत बोला- कनिष्क प्लेन पर आतंकी हमले की बरसी मनाएंगे कनाडा की संसद में मंगलवार (18 जून) को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर उसे श्रद्धांजलि दी गई। इसके लिए संसद में एक मिनट का मौन रखा गया। कनाडाई संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में पहले स्पीकर ग्रेग फर्गस ने शोक संदेश पढ़ा और उसके बाद सभी सांसदों से निज्जर के लिए मौन रखने को कहा गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…​​​​​​​

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