PN गाडगिल ज्वैलर्स लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO 10 सितंबर को ओपन होगा। निवेशक 12 सितंबर तक इस IPO के लिए बोली लगा सकेंगे। 17 सितंबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। PN गाडगिल ज्वैलर्स इस इश्यू के जरिए टोटल ₹1,100 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ₹850 करोड़ के 17,708,334 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। वहीं कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹250 करोड़ के 5,208,333 शेयर बेच रहे हैं। अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं। मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
PN गाडगिल ज्वैलर्स ने इश्यू का प्राइस बैंड ₹456 से ₹480 तय किया है। रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट यानी 31 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइस बैंड ₹480 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,880 इन्वेस्ट करने होंगे। वहीं, रिटेल निवेशक मैक्सिमम 13 लॉट यानी 403 शेयर्स के लिए अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹193,440 इन्वेस्ट करने होंगे। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। ग्रे मार्केट में PN गाडगिल ज्वैलर्स लिमिटेड का प्रीमियम 37.5%
IPO ओपनिंग से पहले कंपनी का शेयर ग्रे मार्केट में 37.5% यानी ₹180 प्रति शेयर के प्रीमियम पर पहुंच गया है। ऐसे में अपर प्राइस बैंड ₹480 के हिसाब से इसकी लिस्टिंग ₹660 पर हो सकती है। हालांकि, इससे केवल अनुमान लगाया जा सकता है, शेयर की लिस्टिंग की प्राइस ग्रे मार्केट की प्राइस से अलग होती है। PN गाडगिल ज्वैलर्स लिमिटेड की स्थापना 2013 में हुई थी
PN गाडगिल ज्वैलर्स लिमिटेड की स्थापना 2013 में हुई थी। कंपनी PNG ब्रांड के नाम से सोने, चांदी, प्लेटिनम और हीरे सहित कीमती ज्वेलरी बेचती है। 31 दिसंबर 2023 तक कंपनी के टोटल 33 स्टोर थे, इसमें महाराष्ट्र और गोवा के 18 शहरों में 32 स्टोर और अमेरिका में एक स्टोर शामिल है। IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।
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