पटना : पटना के ज्ञान भवन में 10 सितंबर से 3 डिविजनल राज छात्रावास का आयोजन किया गया है। कार्यशाला का विषय सामाजिक रूप से न्याय पूर्ण सुरक्षित पंचायत रखा गया। पूरे देश भर के सरकारी प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। बिहार के भी अलग-अलग स्थानों से लेकर मुखिया, जिला, मठ और मठों में शामिल होते रहे हैं। आश्रम के पहले दिन केंद्रीय मंत्री ललन सिंह उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिंह सहित प्रमुख नेताओं ने शपथ ली। प्रोग्राम के दो दिन चलने के बाद भी कार्यक्रम में शामिल होने का मौका नहीं मिला। स्तर के सामुहिक अपने कई साझीदारों को लेकर चलते हैं, ताकि वे अपने क्षेत्र के साझीदारों को सरकार के साथ रख सकें, लेकिन उनके साहिलों को पूरा करना तो दूर उनके साझीदारों को भी सुनने वाला नहीं है। सभी सार्वभौम बिहार में भी केरल मॉडल को लागू करने के अलावा कई अन्य योजनाएं लेकर आए हैं, ताकि सरकार की योजनाएं जन-जन तक आसानी से पहुंच सकें और उनके क्षेत्र में विकास हो सके।
छात्रावास की समस्या का हो समाधान : अध्यक्ष मुखिया संघ के अध्यक्ष मिथिलेश ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के आश्रम 7 थीम पर काम किया जा रहा है. उसी परिचर्चा पर हम लोगों ने भी अपना एक अलग से आश्रम का आयोजन किया। हमने सरकार के साथ मिलकर हमारे 29 विषयों को लागू करने और केरल मॉडल को लागू करने की मांग करने का निर्णय लिया है। आज केरल और कर्नाटक के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिए एस्कॉर्ट एजेंसी राज के द्वारा हमें यहां बुलाया गया है। हम लोग भी यही चाहते हैं कि सरकार सकारात्मक नतीजे दे और केरल मॉडल लागू कर दे ताकि हमारी पंचायत में जो भी समस्या है उसका निदान हो सके। उन्होंने बताया कि आश्रम के दो दिन बाद भी अब तक सरकार ने अपने सिद्धांत को बनाए रखने का काम किया है। लेकिन अब तक हमें अपनी बातों को रखने का मौका नहीं मिला है।
वर्कशॉप तो हो रहा है लेकिन इसके बेहतर नतीजे कैसे हों इस पर बात करने की जरूरत है। दलित पंचायत सतत विकास का नारा हम दे रहे हैं तो हमारी पंचायत का विकास कैसे हो इस पर सरकार को विचार करने की जरूरत है। जनता तक का आरक्षण जारी हो रहा है, लेकिन मुश्किल हो रहा है, मध्य प्रदेश के ग्राम पंचायत मदनपुर के मुखिया कृष्णानंद झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2006 में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के लिए कुछ काम भी किया था, जो काफी मायने रखता है। जो ग्राम सभा से पंचायत विज़िट वो सर्वोपरि सम्मिलित करना शुरू कर रही है। सही परिभाषा को लेकर जनता तक पहुंच में भी परेशानी हो रही है। महिला, बच्चा, लालच, शौक़ीन व्यक्ति और जो अंतिम जन्म पर लोग हैं वे कितने समान हैं उस संबंध में अब तक कोई बात नहीं हुई है।
इन पर जब तक बातचीत नहीं होगी तब तक पूर्ण सलाहकार और शिक्षा संभव नहीं है। डीएम को भी पत्र पर कोई सुझाव नहीं मिला हमारी सरकार के कई कार्य ग्राम स्तर पर हैं जैसे आशा, मोनिका और विकास मित्र। इन ग्राम पंचायत से जुड़ना होगा। जब तक यह पंचायत स्तर पर शामिल नहीं होगा तब तक योजना काम नहीं करेगी। जैसे विकास मित्र को पंचायत ग्राम के लिए लाया गया था, लेकिन पंचायत से कोई मतलब नहीं है वह ब्लॉक में रहता है। ऐसे ही कई अन्य चीजें हैं जिन्हें लेकर हम यहां पहुंचे हैं। गांव की सैर और उनके दस्तावेजों पर हमने कई बार टीचर साहब को भी लेटर लिखा, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। इसलिए हम इस कार्यशाला में एक उम्मीद लेकर आए हैं कि हमारी बात सरकार सुनेगी, लेकिन अब तक हमारी बातों को रखने का मौका नहीं मिला है।
नल-जल योजना में कई जगहों पर हो रही है मिलान जिले से आई जिला परिषद अंजली कुमारी ने बताया कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि पूरे देश से लेकर पूरे देश में बिहार तक के इलाके हैं और यहां बताया जा रहा है कि बिहार में महिलाओं, बच्चों से कैसे मिलते हैं ये तरीके या अतिपिछड़ा के प्रस्ताव के लिए काम किया जा रहा है। जहां सरकार की ऐसी कई योजनाएं हैं, वहीं जिनकों लोगों तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं। मेरी कोशिश रहती है कि जिला परिषद की पात्रता विभाग की भी मंजूरी जन-जन तक की जाए। सरकार नल-जल योजना लेकर आई है और कहीं भी सफल है तो कहीं पर भी लागू हुई है। ऐसे में कई लोगों को नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार नल जल योजना के तहत अगर एक-एक चापाकल लोगों के घर में लगा दे तो हमारा बिहार पानी की व्यवस्था से नहीं रुकेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना की खासियत हो रही है धांधली वैसे ही प्रधानमंत्री आवास योजना में लोगों को घर में मोबाइल नहीं दिया जा रहा है। आज के समय में मोबाइल फोन इतना जरूरी हो गया है कि जो अपने घर में भी रोज 300 रुपये का बिजनेस कर रहा है। तो सरकार कोई ऐसा प्रोविज़ पैकेज जिसमें जो प्रेरित लोग इस योजना से लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री आवास योजना के आड़े में भी बहुत धांधली हो रही है जिसका कारण यह है कि लाभुक को यह नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए सरकार को भी एक्शन लेना चाहिए। इसके साथ ही निश्चित योजना के तहत युवा पूरी तरह से मुफ्त कंप्यूटर कोर्स कर सकते हैं, लेकिन कई ऐसी नौकरियां हैं जहां कंप्यूटर कोर्स की जरूरत नहीं है।
सरकार कोई ऐसा प्रोविजन ले जिससे सात निश्चय योजना के तहत कंप्यूटर कोर्स करने वाले युवाओं की डिग्री भी तय हो जाए। इस पाठशाला के दौरान अब तक मुझे अपनी बातें रखने का मौका नहीं मिला है, लेकिन जैसे ही मौका मिलेगा मैं अपनी अलग सरकार के साथ जरूर जुड़ूंगा। किन मांगों को लेकर क्षेत्र के उपखंड राज प्रतिनिधि-: • कृषि विस्तार, कृषि सहित। • भूमि सुधार, भूमि सुधार, भूमि सुधार और संरक्षण। • लघु सिंचाई, जल प्रबंधन और वॉटरशेड विकास। • प्रोटोटाइप, डेनमार्क और पशुपालन। • मछली पालन। • सामाजिक वाणी और कृषि वाणी। • लघु वनोपज। • खाद्य सहकारी संघ सहित लघु उद्योग। • खादी, गाँव और रसायन उद्योग। •ग्रामीण आवास। • पेय जल। • जंगल और चरा। • सड़कें, स्केल, पुल, घाट, जलमार्ग और संचार के अन्य साधन। • बिजली के वितरण सहित ग्रामीण विद्युतीकरण। • गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत। • गरीबी अनिश्चितता कार्यक्रम। • प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा सहित। • तकनीकी प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा। •वयस्क एवं गैर-औपचारिक शिक्षा। • पुस्तकालय। • सांस्कृतिक कार्यशाला। • बाज़ार और बाज़ार। • स्वास्थ्य और स्वच्छता, जिसमें अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और औषधालय शामिल हैं। • पारिवारिक कल्याण। • महिला बाल विकास। • विकलांगों और मानसिक रूप से मंद लोगों के कल्याण सहित सामाजिक कल्याण। • मजबूत प्लास्टर का कल्याण, और विशेष रूप से, मजबूत प्लास्टर का। • सार्वजनिक वितरण प्रणाली। •अचल संपत्ति का व्यवसाय।