आस्था : पितृ पक्ष के आखिरी दिन सूर्य ग्रहण का साया रहने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ग्रहण हमेशा अमावस्या व पूर्णिमा तिथि पर ही लगते हैं। अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण और पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगता है। ऐसे में 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा। इस दिन सर्वपितृ अमावस्या है। यह पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है। इस दिन सभी पितर पृथ्वी लोक से विदा लेते हैं। सूर्य ग्रहण की घटना को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश-दुनिया के साथ मानव जीवन पर भी पड़ता है। जानें पंडित जी से 2 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण का जनमानस पर प्रभाव व सावधानियां-
इन दो राशियों को करेगा सबसे ज्यादा प्रभावित- पंडित ज्योतिषाचार्य नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या यानी 2 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण कन्या व मीन राशि के जातकों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा। हिंदू धर्म में ग्रहण शब्द ही नकारात्मक माना जाता है। सूर्य ग्रहण की घटना एक अशुभ घटना है, इसलिए सूर्यग्रहण किसी के लिए शुभ या लाभप्रद नहीं रहने वाला है। इस अवधि में हर व्यक्ति या जनमानस को सावधानी बरतनी चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय रोक कर रखें। इमोशनल या भावनात्मक रूप से कोई फैसला लेने से बचें। इस अवधि में आर्थिक रूप से सतर्क रहना लाभकारी रहेगा।
किन देशों में सूर्य ग्रहण आएगा नजर- नासा की वेबसाइट के अनुसार, यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा और आंशिक ग्रहण दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तरी अमेरिका में नजर आएगा।
क्या भारत में नजर आएगा सूर्य ग्रहण- 2 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, जिसके कारण देश में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।