मुजफ्फरपुर : जिला मुख्यालय से 30 किलो मीटर दूर कटरा में स्थित चामुंडा स्थान बिहार के सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक हैं. यहां माता का पिंडीस्वरूप विद्यमान है. सालों भर यहां श्रद्धालु पूजा को आते हैं. इसी स्थल पर मां दुर्गा ने चंड और मुंड का वध किया था। जिला मुख्यालय से 30 किलो मीटर दूर कटरा में स्थित शक्तिपीठ चामुंडा स्थान एक बड़ा आस्था का केंद्र है. देवी चामुंडा का स्वरूप पिंडनुमा है. जो स्वअंकुरित बताई जाती है. यहां पूरे साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है. माना जाता है कि यहीं पर चंड और मुंड का वध हुआ था।
यहां प्रतिदिन नियमों के अनुसार प्रात: सुबह 6 बजे एवं और शाम 8 बजे चामुंडा माता की भव्य आरती होती है जिसमें पुजारियों के अलावा भक्तगण भाग लेते हैं. फिर भोग-राग के बाद दर्शनार्थियों के लिए मंदिर खुल जाता है और दर्शन होते हैं, लोग यहां दूर दूर से माता का दर्शन करने के लिए आते हैं. यह एक पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है. बता दें कि यहां माता का स्वरूप वैष्णवी है इसलिए फल और मिष्ठान्न ही चढ़ाया जाता है. शारदीय नवरात्र के अवसर पर नौ दिवसीय विशेष धार्मिक अनुष्ठान होता है।
शास्त्रों व इतिहास के अनुसार बताया जाता है की चंड-मुंड असुर बंधुओं का संहार देवी ने इसी स्थल पर किया जहां वे विराजमान हैं. इसी को लेकर मां का यह रूप चामुण्डा के नाम से प्रसिद्ध है. कहते हैं कि इस ऐतिहासिक स्थल पर चंद्रवंशी राजा मां की आराधना कुलदेवी के रूप में करते थे। अगर आप भी यहां जाकर मां चामुण्डा के दर्शन करना चाहते हैं तो आप मुजफ्फरपुर-दरभंगा मार्ग होते हुए जा सकते हैं. मझौली से कटरा तक पक्की सड़क है जो सही स्थिति में है. मंदिर पहुंचने के लिए ऑटो तथा बस सेवा लगातार उपलब्ध है।