शिक्षा व रोजगार : बिहार में सरकारी स्कूलों को हाईटेक किया जायेगा. शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है. इस योजना के तहत बिहार के सभी सरकारी स्कूलों को टैबलेट-कंप्यूटर दिये जाएंगे।
इसका प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने तैयार कर लिया है. अब इस पर लोक वित्त समिति की स्वीकृति ली जा रही है. इसके बाद राज्य कैबिनेट की मंजूरी लेकर योजना लागू कर दी जाएगी. इसकी सुरक्षा एवं रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी।
सरकार करने जा रही है इतना खर्च
बिहार के स्कूलों में वितरण के लिए कुल एक लाख 65 हजार टैबलेट-कंप्यूटर देने की योजना है. एक टैबलेट की खरीद पर 14 हजार रुपये खर्च होंगे. विभाग के प्रस्ताव में कहा गया है कि समग्र शिक्षा अभियान के प्रति टैबलेट 10 हजार रुपये उपलब्ध हैं. इस पर खर्च 14 हजार रुपये आ रहा है. इस तरह हर टैबलेट के लिए चार-चार हजार अतिरिक्त राशि की जरूरत है, जो करीब 70 करोड़ होती है. विभाग को उम्मीद है कि इस प्रस्ताव को अगले दो चार माह के अंदर ही मंजूरी मिल जायेगी।
सिम रिचार्ज की होगी ये व्यवस्था
विभाग की ओर तैयार प्रस्ताव में टैबेलट के उपयोग के बारे में भी बताया गया है. इसमें कहा गया है कि ये टैबलेट स्कूल की संपत्ति होगी. स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में इसका उपयोग किया जाएगा. साथ ही स्कूल के अन्य गतिविधियों में भी इसका इस्तेमाल होगा. प्रधानाध्यापक द्वारा टैबलेट में सिम भी लगाया जाएगा. सिम रिचार्ज कराने पर होनेवाले खर्च कंपोजिट स्कूल ग्रांट की राशि से की जाएगी. टैबलेट वितरण के समय इस पर विस्तार से मार्गदर्शन स्कूलों को दिया जाएगा।